ऋषिकेश, (ब्यूरो रिपोर्ट-उत्तराखण्ड )। लोग कहते हैं कि मिट्टी में क्या रखा है। ये गलतफहमी दूर करनी हो तो नंदू फार्म एरिया पधारिये और देखिए कि सरकारी नियमों और अधिकारियों पर भारी पड़ते हुए ठेकेदार कैसे मिट्टी से करेंसी तैयार कर रहे हैं।
दरअसल यहां नेशनल हाइवे डोईवाला के अंतर्गत 12 किमी नाला निर्माण का काम चल रहा है। खुदाई से निकली मिट्टी नियमतः सरकारी अमानत होती है। इसके उलट काम मे लगे ठेकेदार अथाह मुनाफा कमाई के लिए चक्रवृद्धि फार्मूले पर मिट्टी का गोलमाल करने में जुटे हैं। गंभीर मसला ये है कि विभागीय जेई मौके पर ही मौजूद रहे और तथाकथित रूप से अवैध गतिविधि रोकने की भी कोशिश करते रहे लेकिन दबंग ठेकेदार मिट्टी ट्रॉलियों में भरकर गायब करते रहे।
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तीर्थनगरी में स्थित श्यामपुर क्षेत्र इन दिनों विकास और भ्रस्टाचार के पहिये पर सवार है। ठेकेदार और सरकारी अफसरों को विकास दिख रहा है जबकि कायदा पसंद लोगों को भ्रस्टाचार। इस मामले में पड़ताल की गई तो वाकई विकास की आड़ में भ्रस्ट कार्य संस्कृति सड़क पर सुरसा की तरह दिखी।
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दरअसल एक संस्था को नेशनल हाइवे की ओर से कुल 12 किमी नाला निर्माण का काम मिला है। संस्था ने काम शुरू भी कर दिया। खास पहलू ये है कि विकास की धारा बहाने से पहले ठेकेदार ने घोटाले के परनाले में डुबकी लगानी शुरू कर दी। खुदाई की मिट्टी ज्यों निकलती रही फटाफट ट्रॉलियों में भरकर वह गायब करवाने लगा। मौके पर मौजूद जेई क्षत्र पाल से जब बात हुई तो उनकी पीड़ा अलग ही जाहिर हुई। उन्होंने बताया कि ठेकेदार रोकने के बावजूद अवैध गतिविधि पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं।
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इस पर संवाददाता ने एनएच डोईवाला की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल से बात की। उन्होंने पहले तो मामले में अनभिज्ञता जाहिर की। बाद में कहा कि जितनी भी मिट्टी गायब हुई है उसका भुकतान ठेकेदाए के बिल से होगा।
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