रत्नशिखा टाइम्स
देश के किसानो की आवाज़
हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र, RNI No. UPHIN /2003 /15128
Country’s popular newspaper and portal on agriculture
उद्भव, उद्देश्य और लक्ष्य
देश का अन्नदाता आज सबसे ज्यादा परेशान है। देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। केंद्र सरकार सबसे ज्यादा बजट भी कृषि क्षेत्र के विकास हेतु जारी करती है, बावजूद इसके किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
जब तक अनाज या सब्जियां किसानों के हाथ में होती हैं मार्केट गिरा रहता है और जैसे ही किसानों के हाथ से निकलकर व्यापारियों के हाथ में पहुंच जाती है. उन्हीं चीजों की कीमतें आसमान छूने लगती है। सरकार भ्रष्टाचार मिटाने का दावा तो करती है लेकिन सत्ता में आते ही स्वयं भ्रष्टाचार के कंठ में डूब जाती है।
रत्नशिखा टाइम्स (Ratnashikha Times ) उन्ही किसानों की बात को सीधे प्रदेश एवं देश की सरकार की नुमाइंदगी कर रहे लोगों तक पहुंचाने का काम करेगा। रत्नशिखा टाइम्स (Ratnashikha Times ) सत्ता एवं शासन में ऊंचे ओहदों पर बैठे मलाई काट रहे अफ्सरों, नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की धांधलियों को उजागर करने के साथ-साथ किसानों की हर समस्या को जड़ से उठायेगा।
उद्देश्य
समाचार पत्र प्रायः निम्न विषयों की जानकारी अपने पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है उनमें प्रमुख बिन्दु इस तरह से हैं-
1. समाचारों के माध्यम से किसानों की हर समस्या को उठाकर प्रदेश एवं देश की सरकार को अवगत कराना।
2. किसान किस मौसम में कब और क्या बोये, जिससे उसे अधिक लाभ मिल सके।
3. किसान अपने माल को कहां बेचे ताकि उसका भरपूर मुनाफा हो।
4. किसान आगामी समय में किन फसलों का भण्डारण करें ताकि दाम बढ़ने पर उसे उसका अधिक लाभ मिल सके।
5. हफ्ते की प्रमुख मंडियों के भाव और आगामी सप्ताह में मार्केट कैसा रहने वाला है इस पर विशेषज्ञों की राय होगी।
6. फसलों में होने वाली बीमारियों एवं उनकी रोक थाम के उपाय, कीड़ों से फसल को कैसे बचायें आदि आदि!
7. बेमौसम में किसान सब्जियां उगा कर अधिक लाभ कैसे कमाये।
8. अनाज का भंडारण कैसे और कहां करे।
9. अन्य प्रदेशों में पैदा होने वाले फल और सब्जियां अपने प्रदेश और गांव में कैसे उगायें।
10. सब्जियों को डायरेक्ट शाॅपिंग माॅल में कैसे बेचे ताकि फसल का पूरा लाभ मिले।
11. सरकारी योजनाएं क्या है! और इसका लाभ कैसे उठाया जाये।
12. फसल बीमा क्या है और इसका कैसे लाभ लिया जाता है।
13. मण्डियों में किस तरह का भ्रष्टाचार है उससे कैसे बचें।
14. पशुपालन, डेयरी उद्योग, कुक्कुट पालन, मौन पालन, रेशम पालन कैसे करें और इसको करने के लिए कहां से सहायता प्राप्त करें।
15. पंचायतों के अधिकार क्या है, ग्राम प्रधान क्या करें कि उसका गांव विकास करे।
16. ग्राम प्रधान अपने गांव के लिए अधिक से अधिक योजना कैसे और कहां से प्राप्त करे।
17. भूमि अधिग्रहण के समय किसान क्या करें और उचित मुआवजा न मिलने पर अपनी बात को शासन और सत्ता तक कैसे पहुंचाये।
18. भ्रष्टाचार की शिकायत कैसे करे, और स्वयं उसका शिकार होने से कैसे बचे।
19. पशुओं की बीमारियां और उपचार।
20. किसानों के बच्चे कम खर्चे में अच्छी एजूकेशन कहां और कैसे लें ?
21. प्रगतिशील किसानों के इंटरव्यू ताकि उनकी सूझ बूझ का लाभ अन्य किसानों को भी मिल सके।
22. कम लागत में अच्छी पैदावार कैसे करें।
23. कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाली अच्छी कंपनियां और उनके उत्पादों का विश्लेषण विशेषज्ञों द्वारा।
24. स्वच्छता, सफाई और सम्पन्नता पर स्पेशल फीचर और लेख
25. किचन गार्डन कैसे तैयार करें ?
26. घरेलू उद्योग कैसे लगाएं और इसके लिए कहां से मदद लें। तैयार माल को कहां बेचे।
27. नित नयी आने वाली टेक्नोलॉजी के संबंध में जानकारी।
28. वैज्ञानिक खेती कैसे करें।
29. विद्यार्थी अपना करियर कैसे सुधारें
30. करियर, जॉब तथा आने वाली वैकेंसी के संदर्भ में सूचना प्रदान करना।
नोट- उक्त के अलावा उन सभी विषयों एवं विभागों से जुड़े मुद्दे एवं सूचनाएं जो कृषि एवं किसानों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं।
लक्ष्य:
समाचार पत्र का प्रकाषन बिजनेस नही समाज सेवा है-
समाचार पत्र के प्रकाशन का उद्देश्य मूलतः व्यापार न होकर समाज सेवा की श्रेणी में आता है। विज्ञापन एवं सहयोग राशि अखवार नियमित व अनवरत प्रकाशन का साधन भर है।
रत्नशिखा टाइम्स (Ratnashikha Times ) का जन्म कृषि एवं किसानों की समस्याओं को उठाने के लिए ही हुआ है। यही इसके उद्भव का मूल उद्देश्य है और यही इसका अन्तिम सत्य है। विज्ञापन, प्रसार और प्रचार महज इसे सुचारू रूप से संचालित करने का जरिया मात्र हैं।
इसके संचालन और प्रकाशन के लिए प्रकाशक मण्डल को यदि भूखा भी रहना पड़ेगा तो रहा जायेगा। पैदल चलना पडे़गा तो चला जायेगा। किसानों की मुहिम को किसी भी हाल में नही रूकने दिया जायेगा ऐसा इस टीम से जुड़े लोगों का अंतिम से अंतिम स्तर तक प्रयास होगा।
अन्तिम वाक्यः
‘कृषि और किसानों की सेवा ही हमारा अन्तिम लक्ष्य है।’
यह मिशन आप सभी के लिए है इसमें सहयोग करें –
मैं किसान घर में पैदा हुई और आज तक खुद को कृषि के साथ जुड़ा महसूस करती हूं। धारावाहिक और वेव सीरीज की को प्रोड्यूसर होने से ज्यादा मुझे किसानों की समस्याओं पर कलम चलाने में गर्व महसूस होता है। किसानों के दुःख दर्द को जब देखती हूं तो बहुत तखलीफ होती है। आखिर रात दिन मेहनत करने वाला हमारे देश का अन्नदाता क्यों खुशहाल नहीं है।
सरकार सैकड़ों कानून किसान हित में बनाती है लेकिन उसका 10 फीसदी लाभ किसानों को नही मिलता। रत्नशिखा टाइम्स कृषि और किसानों के लिए एक मंच है जहां से हम सभी भाई बहन अपनी आवाज को उठा सकते हैं। आप सभी अपने क्षेत्र की समस्याा या भ्रष्टाचार से संबन्धित कोई भी शिकायत या सुझाव हो तो रत्नशिखा टाइम्स को सूचित करें। हम आपके साथ जरूर खड़ें होंगे।
– शिखा रत्नाकर, ईमेल- ratnashikhatimes@gmail.com
आओ एक आहुति हम सब मिलकर डालें-
रत्नशिखा टाइम्स किसानों की दबी कुचली आवाज उठाने का एक महाअभियान है। अनुज एस.वी.सिंह उजागर जिस तल्लीनता से इस महाअभियान को आगे बढ़ा रहे हैं उससे लगने लगा है कि रत्नशिखा टाइम्स एक दिन पूरे देश के किसानों की आवाज अवश्य बनेगा।
हमारे देश का हर नागरिक किसी न किसी रूप में किसान ही है, किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ना हम सभी का निजी दायित्व और जिम्मेदारी है, तो आओ इस महाअभियान में एक आहूति हम सब मिलकर डालें। जय किसान।
– रत्नाकर मौर्य, ईमेल- ratnashikhatimes@gmail.com
आपकी हर बात सही जगह पहुंचेगी –
ये मेरा सौभाग्य है कि, ‘रत्नशिखा टाइम्स‘ के जरिए देश के किसानों, नौजवानों, छात्रों और मजदूरों की आवाज को मुखरता से शासन और सत्ता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी। शिखा भाभी ने 2003 में जिस पेड़ को लगाया आज वह छायादार हो गया है।
रत्नाकर भाई साहब ने इसके संचालन में कभी धन की कमी नही आने दी। जब-जब भी मैं कमजोर पड़ा उन्होने आगे बढ़कर हमारा सहयोग किया। उनके जैसे और कई भाई, बंधु, सखा और अधिकारी हैं जो इस मिशन को समय-समय पर सींचते रहते हैं।
अब यह 18 वर्ष पूरे कर 19वें में प्रवेश कर गया है। इसके साथ इसके आकार और स्वरूप में भी काफी परिवर्तन आया है। समाचार पत्र के अलावा इसका डिजिटल संस्करण (ई-पेपर), पोर्टल और यूट्यूब चैनल भी मार्केट में आ चुका है। कई प्रदेशों में हमारी टीम भी खड़ी हो गयी है। जल्द ही इसका विस्तारित स्वरूप सभी को दिखाई देगा।
मैं देश के सभी किसानों, नौजवानों, मजदूरों और छात्रों का आह्वाहन करता हूूं कि उनकी कोई भी समस्या है और सुनवाई नही हो रही है, हमारे इस प्लेट फार्म पर भेजिए हम आपकी बात को सही जगह पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगे।
– एस.वी.सिंह ‘उजागर‘ मेल- ratnashikhatimes@gmail.com
पंजीकृत कार्यालय –
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किसी भी वाद निस्तारण के लिए लखनऊ जनपद स्थित न्यायालय की मान्य होगा।