published by neha bajpai
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान तथा विनिर्माण की क्षमताओं को एक मंच पर लाने के लिए कई कदम उठा रही है और देश रक्षा निर्यात के क्षेत्र में जल्द ही प्रमुख भूमिका में आयेगा।
श्री सिंह ने आज यहां नौसेना के नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ) की वर्चुअल शुरूआत के मौके पर पर यह बात कही। यह संगठन नौसेना, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (उपेदा), रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और स्ट्राटअप ‘मेकर विलेज’ की संयुक्त पहल है। उन्होंने कहा कि यह पहल रक्षा स्वदेशीकरण और नवाचार को एक नया आयाम देगी।
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उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने ‘आपदा को अवसर’ में बदलने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मार्ग दिखाया है और नवाचार तथा स्वदेशीकरण इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इनके आधार पर ही आत्मनिर्भरता की नींव रखी जा सकती है। इस मौके पर विश्वविद्यालयों , स्टार्टअप , औद्योगिक संगठनों और रक्षा औद्योगिक गलियारों के साथ किये गये करारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सभी पक्षधारकों को कदम से कदम मिलाकर कार्य करना होगा। इसके लिए सहयोग, समन्वय और साझेदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों को अपनी जरूरत के उत्पादों के लिए विश्वविद्यालयों तथा उद्योगों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। नौसेना इस दिशा में पहल कर रही है।
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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों को विभिन्न पक्षधारकों के साथ लाना जरूरी है और नौसेना की इसमें भूमिका और बड़ी हो जाती है। उपेदा के तहत उत्तर प्रदेश ने रक्षा गलियारे की चुनौती स्वीकार की है और इसके परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे। सरकार रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए जल्द ही विधेयक लायेगी।
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रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण में नौसेना की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि युद्धपोत बनाने के मोर्चे पर अच्छा काम हुआ है और अब ‘फाइट कंपोनेंट’ पर ध्यान देने की जरूरत है। लंबे समय से देश रक्षा आयात पर निर्भर रहा है और वह रक्षा उपकरणों तथा हथियारों की आपूर्ति करने वाले देश के रूप में नहीं उभर सका। उन्होंने कहा, “ हमारे पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभा है और हमारे संस्थानों के शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं । पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में शोध शुरू हुए है जिससे उपकरण इस्तेमाल करने वालों और शोध संस्थानों में एक मजबूत संबंध बना है। ”
श्री सिंह ने कहा कि इन क्षमताओं का दोहन कर उन्हें एक साझा प्लेटफार्म पर लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं और रक्षा गलियारों का निर्माण इनमें से एक है। उन्होंने कहा कि इन सब प्रयासों से देश रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति करेगा और रक्षा निर्यात का प्रमुख केन्द्र बनेगा। समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।