नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।
एनआईए ने शुक्रवार को मोहाली की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी और 124ए के अलावा गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया है।
आरोप पत्र में अमेरिका के न्यूयाॅर्क के रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू, परगट सिंह, सुखराज सिंह उर्फ राजू, बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की, मंजीत सिंह उर्फ मंजीत, जतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी, गुरविंदर सिंह उर्फ गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, कुलदीप सिंह उर्फ कुलदीप और हरमीत सिंह के नाम शामिल हैं। हरमीत सिंह को छोड़कर शेष सभी पंजाब के रहने वाले हैं।
इन सभी पर पंजाब में हथियार रखने समेत हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं। इन पर इंटरनेट के जरिये एसएफजे के समर्थन में अभियान चलाने का भी आरोप है।
इस संबंध में 2018 में अमृतसर के सुल्तानविंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था। बाद में अप्रैल 2020 में एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि एसएफजे एक आतंकवादी संगठन है। इस संगठन के लोगों ने भारत में देशद्रोह फैलाने व शांति को भंग करने के लिए अनेक सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया।
सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं को क्षेत्र व धर्म के नाम पर भड़काकर आतंकवाद की राह पर चलने के लिए उकसाया गया। जांच में यह बात भी स्पष्ट हुई थी कि एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कई युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और उन्हें एसएफजे में भर्ती किया। आरोपियों ने साजिश को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न एमटीएसएस प्लेटफार्मों के जरिए विदेश में उनके हैंडलरों को फंड भी मुहैया करवाया था।