published by Neha Bajpai
मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपनी सफलता में एक और अध्याय जोड़ते हुए शुक्रवार को बीपी के साथ एशिया के सर्वाधिक गहरे पानी से गैस का उत्पादन शुरू करने का ऐलान किया।
दोनों कंपनियां के जी बेसिन तीन में गहरे पानी .. आर कलस्टर, सैटेलाइट कलस्टर और एमजे.. गैस परियोजना पर काम कर रही हैं। तीनों परियोजनाओं में होने वाले गैस उत्पादन से 2023 तक देश की 15 प्रतिशत गैस की मांग पूरा होने की उम्मीद है।
इन परियोजनाओं का इस्तेमाल केजी 6 बेसिन में मौजूदा ढांचागत हब के रुप में किया जायेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज केजी डी6 में 66.67 प्रतिशत और बीपी 33.33 प्रतिशत का हिस्सेदार है।
तीनों परियोजनाओं में आर क्लस्टर पहला है जिसमें उत्पादन प्रारंभ हुआ है। यह क्षेत्र काकीनाडा तट पर मौजूदा केजी बेसिन 6 के नियंत्रण एंव राइजर प्लेटफार्म ( सीआरपी) से करीब 60 किलोमीटर पर स्थित है। यहां गैस का उत्पादन दो हजार मीटर गहरे पानी में शुरू हुआ है जो एशिया में सर्वाधिक गहरा है।
वर्ष 2021 तक प्रतिदिन एक करोड़ 29 लाख घनमीटर गैस उत्पादन की यहां से संभावना है।
रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी ने गैस उत्पादन और बीपी के साथ साझेदारी पर खुशी जताते हुए कहा,” बीपी के साथ साझेदारी पर हमें गर्व है। हमारी संयुक्त विशेषज्ञता कुछ सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों के बावजूद तेजी से गैस उत्पादन प्रारंभ करने में कारगर हुई। यह देश के ऊर्जा क्षेत्र में स्वच्छ और ग्रीन गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लिये मील का पत्थर है। कृष्णा गोदावरी बेसिन में हम अपने गहरे पानी ढांचागत सुविधाओं की मदद से गैस का उत्पादन कर देश की स्वच्छ ऊर्जा की मांग पूरा करने में सफल होंगें।”
बीपी के मुख्य कार्यकारी ने कहा,” यह स्टार्टअप रिलायंस के साथ हमारी साझेदारी के एक और नमूने का द्योतक है। इससे दोनों कंपनियां साथ आकर भारत की तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मददगार होंगी। इन तीनों परियोजनाओं के उत्पादन से भारत की ऊर्जा सुरक्षा के भविष्य की मांग को पूरा करने में बड़ी मदद मिलेगी।”
सैटेलाइट क्लस्टर में 2021 से और एमजे में 2022 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। तीनों परियोजनाओं से 2023 तक प्रतिदिन तीन करोड़ घनमीटर गैस उत्पादन का अनुमान है और इससे देश की आयातित गैस पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।