लखनऊ, (एस.वी.सिंह उजागर)। जिस राकेश टिकैत को प्रदेश और केन्द्र सरकार के मंत्री मुंह भर-भर कर गालिया दे रहे थे। उन्हे किसान के भेष में दलाल कह रहे थे उसी सरकार पर जब लखीमपुर में संकट आया तो राकेश टिकैत हनुमान बनकर पहुंच गये।
सियासी गलियारे में टिकैत के इस बदले व्यवहार पर चर्चा शुरू हो गयी है। टिकैत का अभी तक मामला मैनेज कराने के अलावा केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा या उनके बेटे के खिलाफ कोई बयान न देना लोगों हैरान कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वििट करके राकेश टिकैत के पिता चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की जमकर तारीफ की और यहां तक कहा कि ‘उनकी सरकार किसान उत्थान को समर्पित उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।‘
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लखीमपुर घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी किसान नेता राकेश टिकैत ने योगी सरकार के खिलाफ कोई टिप्पड़ी नही की। राजनीतिक गलियारे में अचानक इस बदलाव की चर्चा उठना स्वाभाविक है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर टिकैत पर योगी और योगी पर टिकैत की मेहरबानी की वजह क्या है ?
अकेले राकेश टिकैत लखीमपुर पहुंचने में रहे कामयाब
जानकारें के दिमाग में यह सवाल कौंधने लगा है कि जब प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, पंजाब के सीएम चन्नी, छत्तीस गढ़ के सीएम भूपेश बघेल अपनी भरपूर कोशिशों के बावजूद लखीमपुर नहीं पहुंच सके ऐसे में राकेश टिकैत जिन पर कई राज्यों की पुलिस नजर गढ़ाये है वह बड़ी आसानी से किसानों के बीच पहुंच गये। लोग सवाल कर रहे हैं टिकैत और सरकार के बीच आखिर ऐसा क्या समझौता हो गया है।
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पुलिस अधिकारियों ने खुद बुलाया था टिकैत को
एक चर्चा यह भी है कि सूबे की स्थिित और न बिगड़ जाये इसके लिए प्रदेश आधा दर्जन से ज्यादा आला अधिकारियों ने राकेश टिकैत से लखीमपुर आने की मिन्नतें की थी। यहीं वजह है कि श्री टिकैत इतनी आसानी से घटना स्थल तक पहुंच गये। लेकिन प्रदेश सरकार के खिलाफ किसी भी तरह का टिकैत द्वारा बयान न देना लोगों को जरूर हैरान कर रहा होगा।
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टिकैत की सहमति से पोस्टमार्टम, मुआवजा व नौकरी पर बनी सहमति
बतादें कि स्थानीय जिला प्रशासन और सूबे की पुलिस के आला अधिकारियों ने लखीमपुर घटना का समाधान राकेश टिकैत की सलाह और सहमति के आधार पर तय किया है।
उक्त घटना के बाद किसानों में सरकार के मंत्री और उसके बेटे के खिलाफ जो आक्रोश उपजा था उसमें भी कमी नजर आ रही है। टिकैत ने भले ही बड़ी समझदारी से शांति का रास्ता खोज निकाला हो लेकन अचानक इस बदलाव पर उंगलियां उठनी भी शुरू हो गयीं हैं।