Published by Neha Bajpai
नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनियों में से एक एनटीपीसी लिमिटेड ने नर्मदा लैंडस्केप के पुनरुद्धार परियोजना के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम), भोपाल के साथ समझौता किया है।
यह परियोजना एनटीपीसी लिमिटेड और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के बीच समान अनुपात में अनुदान के साथ साझेदारी में पूरी की जाएगी। चार साल की यह परियोजना मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में ओंकारेश्वर और महेश्वर बांधों के बीच नर्मदा नदी की चयनित सहायक नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में लागू की जाएगी।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान आईआईएफएम, भोपाल एनटीपीसी लिमिटेड से प्राप्त अनुदान सहायता के साथ ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट (जीजीजीआई) के सहयोग से इस परियोजना को लागू करेगा। जीजीजीआई एक अंतर-सरकारी संगठन है जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सतत और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। यह संगठन अमेरिकी सरकार की अंतरराष्ट्रीय विकास शाखा यूएसएआईडी की सहायता के साथ इस परियोजना में शामिल होगा।
नर्मदा लैंडस्केप रेस्टरेशन प्रोजेक्ट (एनएलआरपी) का सहयोगी और भागीदारी दृष्टिकोण अपस्ट्रीम संसाधनों पर निरंतर रूप से प्रबंधित वन और कृषि प्रथाओं और जल संसाधनों की एक दूसरे पर निर्भरता को प्रदर्शित करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य एक ऐसा प्रोत्साहन तंत्र स्थापित करना है जो नर्मदा बेसिन के सहायक वन और कृषि समुदायों को सपोर्ट करेगा, ताकि वे स्थायी लैंडस्केप प्रेक्टिसेज को बनाए रख सकें। इससे नर्मदा की सहायक नदियों में पानी की गुणवत्ता और मात्रा में सकारात्मक प्रभाव नजर आने की उम्मीद है।
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