लखनऊ, (एस.वी.सिंह उजागर)। जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा वहां के सीवीओ को निलंबित किये जाने की घटना पर उत्तर प्रदेश पशुचिकित्सा संघ की ओर से तीखी प्रतिक्रया आयी है। संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने जिलाधिकारी की कार्यवाही को पूर्वानुग्रह से ग्रसित बताया।
ये नही देखा तो क्या देखा-
डॉ.राकेश कुमार ने कहा कि स्थानीय जिला प्रशासन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सीवीओ पर दोश मढ़ रहा है। उन्होने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि, दुनिया का कोई भी फीड फारमूला 30 रूपये में पशु को हेल्दी नही रख सकता।
♣ यह भी पढ़ें→ कृषि कानून वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू, लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी दी मंजूरी
डॉ. राकेश कुमार के अनुसार कुशीनगर के 25 पशुचिकित्सालयों के सापेक्ष महज 5 पशुचिकित्सक तैनात हैं। जिनके कंधे पर जनपद के 04 लाख पशुधन के स्वास्थ्य, चिकित्सा, कृतिम गर्भाधान, फोरेंसिक कार्य, इमरजेंसी सेवा जैसी कई बड़ी जिम्मेदारियां हैं। जनपद में तैनात पांच पशुचिकित्सक 24 घण्टे कार्य करके येन केन प्रकारेण अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहे हैं।
एनजीओ ने गो आश्रय स्थल संचालन से किया था इनकार
पशुचिकित्सा संघ के अध्यक्ष के अनुसार जनपद में गो आश्रय स्थल के सेवा में लगी एनजीओं ने गो आश्रय स्थल के संचालन से इनकार कर दिया था जिसकी सूचना जिलाधिकारी व सीडीओ को समय से देदी गयी थी। शव निस्तारण का दायित्व स्थानीय निकाय व पंचायती राज विभाग का है, लेकिन जब भी कोई दुर्घटना घटती हमेशा पशुचिकित्सकों को ही बलि का बकरा बनाया जाता है।
कृपया इसे भी देखें –
♣ यह भी पढ़ें→ औरैया: जिला जज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार वाहन
गो वंशियों के संरक्षण की जिम्मेदारी 9 विभागों के पास हैं
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार 9 विभाग मिलकर भी गोवंशियों की देखभाल नही कर पा रहे हैं। डॉ. राकेश कुमार के अनुसार प्रदेश सरकार के नौ विभागों के पास गोवंशियों के संरक्षण की जिम्मेदारी है लेकिन हमेशा पशुचिकित्सकों को ही टारगेट बनाया जाता है।
उन्होने कहा कि जिला प्रशासन एकतरफा निलंबन के फैसले को निरस्त करते हुए गांवंश संरक्षण शासनादेश के अनुसार गोवंश संरक्षण समिति में अध्यक्ष समेत विभिन्न विभागों के कार्य दायित्वों का परीक्षण कर गुण दोष के आधार पर निर्णय करे।
See this video ⇒