औरैया/ दिबियापुर,(विकास अवस्थी )। कृष्ण जन्म उत्सव की भक्ती के रस में दिबियापुर के लोग सराबोर हुए। विकास कुंज में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए आचार्य मुनेंद्र द्विवेदी जी ने कंस के अत्याचार के बारे में बताया कि किस तरह से भगवान ने धरती लोक में अवतार लेकर के दुराचारी दुष्ट पापाचारी व्यभिचारी कंस का अंत किया।
कंस की बहन देवकी व बहनोई वसुदेव को शादी के बाद आकाशवाणी के सुनने पर कारागार में डाल दिया और उनकी सात संतान को निर्ममता पूर्वक मार दिया आठवीं संतान कन्या रूप में उत्पन्न हुई। उस देव कन्या को कंस ने पत्थर पर पटकना चाहा तो वह कन्या हाथ से फिसल गई और आकाश में चली गई इसके बाद आकाशवाणी हुई अरे मूर्ख कंस तुझे मारने के लिए तेरा काल का अवतार हो चुका है।
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यह सुनकर कंस परेशान हो गया। उसने भगवान को मारने के लिए अनेकों अनेक निशाचर भेजें लेकिन सभी को प्रभु ने यमलोक भेज दिया। इसके बाद बड़े होकर के भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध कर दिया। भगवान भाव के भूखे होते हैं । अपने भक्तों से अपार प्रेम करते हैं। जरूरत पड़ने पर नंगे पांव ही दौड़े आते हैं। भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं।