इंसान को तलाशो जाति-धर्म नहीं, निज़ामाबाद पहुंची सृजन पीठ यात्रा ने निजामाबाद के लोगों को मानवता का संदेश दिया। देश हमारा धरती अपनी, अभियान का ने अपने 10वां दिन, मंगलवार को निज़ामाबाद के सेमरी करवनीया गांव में पड़ाव डाला। टीम के लोगों ने दिन भर गांव वालों से भेंट-मुलाक़ात और बातचीत की। देर शाम को गुरुसंगत का आयोजन किया गया
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सृजन पीठयात्रा का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता आदि योग ने कहा कि इंसान के अंदर जाति बिरादरी तलाश करने की बजाय इंसानियत को तलाशो। वह इंसानों को जगाने के अभियान पर निकले हैं।
अदि योग ने कहा कि मानव के लिए मानवता से बड़ा कोई धर्म नही है। मानवता ही सबसे बड़ा मजहब है। इस लिए इंसान के अन्दर इंसानियत को तलाशो न कि जाति व धर्म को।
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गुरुसंगत के मुख्य बिंदु
- बाबा साहब के सपनों, संघर्षों और शिक्षाओं को समझने और उसे आत्मसात किये जाने की आवश्यकता।
- दलित समाज के साथ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को रोकने के सन्दर्भ में एकजुटता की ज़रूरत।
- किसान आंदोलन के मुद्दों का मेहनतकश, भूमिहीनों और आम जनता से सीधा रिश्ता।
- बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति स्थापना की राह में राज्य द्वारा खड़े किये जा रहे अवरोध।
- वंचितों और शोषितों की मुक्ति के लिए समाज के विभिन्न हिस्सों के प्रगतिशील और जागरूक नागरिकों के जुड़ाव की ज़रुरत।