मुंबई, बिज़नेस डेस्क : शुगरबॉक्स नेटवर्क्स,जिसकी हाइपरलोकल एज क्लाउड आधारित तकनीक भविष्य के इंटरनेट के लिए आधार का निर्माण कर रही है, ने सुविधाजनक एवं सरल भुगतान समाधानों को सक्षम करने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म, अमेज़न पे और वाणिज्यिक समाधानों के साथ व्यापारियों और ग्राहकों को सक्षम बनाने वाले प्लेटफॉर्म, सिंपल के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रगतिशील डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप भुगतानों को सक्षम बनाना है।
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विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भुगतान की सुविधा प्रदान करके, इस साझेदारी से अपर्याप्त सेवा सुलभता और सेवा वंचित भौगोलिक क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए अभिनव समाधान की निर्माण किया जा सकेगा।
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इस साझेदारी के साथ, शुगरबॉक्स का लक्ष्य 2026 तक 425 मिलियन लोगों के लिए फिनटेक सुलभ बनाना है। अगले अरबों उपयोगकर्ताओं को जोड़ने के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप, शुगरबॉक्स नेटवर्क्स ने गांवों, ट्रेनों, मेट्रो जैसे उपभोक्ता रूचि वाले प्रमुख क्षेत्रों में अपनी तकनीक को लागू किया है, और फ्लाइट्स, अस्पतालों और सार्वजनिक जमावड़ा वाली अन्य जगहों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की ओर बढ़ रहा है।
यह रणनीतिक सहयोग ई-वॉलेट उपयोगकर्ताओं को अमेज़ॅन पे पर वन-क्लिक भुगतान अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, और डिजिटल भुगतान वातावरण कोऔर अधिक मज़बूत बनायेगा।
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इस साझेदारी के बारे में बताते हुए, श्री विकास बंसल, निदेशक, अमेज़न पे ने कहा, “ग्राहक अब ऐसे भुगतान प्लेटफॉर्म्स और प्रस्तावों की तलाश में हैं जो सुरक्षित, भरोसेमंद और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करे। शुगरबॉक्स के साथ हमारी साझेदारी से “अमेज़ॅन पे बैलेंस: मनी” (प्रीपेड भुगतान साधन) के उपयोगकर्ता सहजता से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर भुगतान अनुभव प्राप्त हो सकेगा। यह पहल हमारे ग्राहकों के दैनिक जीवन को सरल बनाने और अमेज़न पे के लिए डिजिटल अपनाने की दिशा में हमारे प्रयास के अनुरूप है, जिससे ग्राहक किसी को भी, कहीं भी भुगतान कर सकें।”।
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आने वाले वर्षों में डिजिटल भुगतान में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है। नकदी पर कम निर्भरता, तेज अंतरण गति और लेन-देन में आसानी, डिजिटल भुगतान को एक पसंदीदा विकल्प बनाती है। हालांकि ई-वॉलेट को तेजी से अपनाया गया है और मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के दौरान इसने 30.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, लेकिन अभी भी भारी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जिनकी पहुँच इन विकल्पों तक नहीं है। शुगरबॉक्स का उद्देश्य कनेक्टिविटी तक पहुंच के साथ उन्हें सशक्त बनाकर इस डिजिटल विभाजन को दूर करना है।
नित्या शर्मा, सह-संस्थापक और सीईओ, सिंपल ने विस्तार से बताते हुए कहा, “वर्ष 2015 में स्थापित, सिंपल ‘अभी खरीदें बाद में भुगतान करें’ की अवधारणा को भारत में लाने वाले अग्रणियों में शामिल रहा है और हमारे प्रयासों के जबरदस्त परिणाम मिले हैं। हम एक ही एकीकृत प्लेटफॉर्म से कई लाभ प्रदान करने के लिए सभी उत्पाद श्रेणियों के व्यापारियों और सभी सेगमेंट के लक्षित ग्राहकों को सक्षम कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, सिंपल ने अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो में नए वर्टिकल जोड़े हैं जो ग्राहकों की अपेक्षाओं, बदलती व्यापारिक आवश्यकताओं और गतिशील बाजार परिदृश्यों के अनुरूप हैं। अक्सर स्थिर नेटवर्क का न होना विश्वसनीय कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ी बाधा है। और यही कारण है कि शुगरबॉक्स के साथ हमारा जुड़ाव निर्बाध लेनदेन के लिए व्यापक उपभोक्ताओं तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
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इन भुगतानों को शुरू करने के लिए, उपयोगकर्ता को अपने ई-वॉलेट को शुगरबॉक्स से जोड़ना होगा, इस प्रकार बाद के भुगतान निर्बाध रूप से प्रबंधित हो सकेंगे। पैमाने की दृष्टि से, शुगरबॉक्स नेटवर्क्स मौजूदा इंटरनेट बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाने के लिए संकल्पित है, वो चाहे दूरदराज के क्षेत्र हों, सफर में हों, या ऐसी स्थिति में भी जहाँ नेटवर्क खराब हो।
यह साझेदारी किस प्रकार मूल्य सृजित करती है, इस बारे में बताते हुए, रोहित परांजपे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक, शुगरबॉक्स नेटवर्क ने कहा, “डिजिटल पेमेंट्स अपने आप में एक नए युग का निर्माण कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र या गाँव के उपभोक्ता को डिजिटल भुगतान में सक्षम बनाया जाना यह बताता है कि कैसे मौजूदा डिजिटल विभाजन जल्द ही कम हो सकता है। अमेज़न पे तथा सिंपल के साथ हमारी साझेदारी, ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के उपभोक्ताओं के लिए क्रांति लाने और उन्हें सशक्त बनाने की एक पहल है। हम, शुगरबॉक्स में, सस्ती, सुलभ और विश्वसनीय कनेक्टिविटी की पेशकश की विचारधाराओं के माध्यम से, भविष्य के इंटरनेट के लिए आधार के निर्माण पर निरंतर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
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पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान में तेजी से वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्रालय के अनुसार, डिजिटल भुगतान 2016-17 के 1,004 करोड़ से पांच गुना बढ़कर 2020-21 में 5,554 करोड़ हो गया है, जिसमें मोबाइल ट्रांजेक्शन सबसे आगे है। हालांकि यह एक उत्साहजनक संकेत है, लेकिन भुगतान उद्योग के तेजी से विकास के लिए सक्रिय और विश्वसनीय नेटवर्क की बेहद ज़रूरत है, और इसके परिणामस्वरूप देश के अपर्याप्त सेवा प्राप्त और सेवा वंचित क्षेत्रों में उपस्थिति का अभाव है।