आरटी डेस्क, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर अपनी बात पर अड़े हुए हैं। वो किसी भी सूरत में धरने को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को बिल वापस लेना होगा, एमएसपी के लिए कानून बनाना होगा मगर इसके लिए समय लगेगा। सरकार को धमकी भरे अंदाज में चेताते हुए उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार अहंकारी होगी तो सत्ता से इसकी विदाई करनी होगी।
किसानों को खालिस्तानी बताने वाले यह समझ ले कि रावण की लंका में आग एक वानर ने ही लगाई थी। यह बिल भी वापस होंगे एमएसपी कानून भी बनेगा, लेकिन समय लगेगा।अगर यह सरकार अहंकारी होगी तो सत्ता से इनकी विदाई करनी होगी#WhyModiFoolingFarmers @AHindinews @AmarUjalaNews pic.twitter.com/81QhgZlA48
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 10, 2021
इंटरनेट मीडिया पर एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि किसानों को खालिस्तानी बताने वाले यह समझ ले कि रावण की लंका में आग एक वानर ने ही लगाई थी। पूरी सोने की लंका को जलाकर नष्ट और तहस नहस कर दिया था। यदि ये सरकार भी किसानों के हित के लिए काम नहीं करती है तो उसी तरह से सरकार को भी भुगतना पड़ेगा।
नहीं हटेंगे पीछे
मालूम हो कि दिल्ली की सीमाओं पर सात माह से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इससे पहले टिकैत ने साफ किया है कि सरकार कितना भी षड्यंत्र रच ले, हम लोग पीछे हटने वाले नहीं है। 22 जुszzलाई से संसद के मानसून सत्र के दौरान रोजाना कम-से-कम 200 आंदोलनकारी धरनास्थलों से संसद भवन पहुंचेंगे और वहां पर प्रदर्शन करेंगे। धरनास्थलों से सभी लोग बसों या कारों के जरिए संसद तक जाएंगे। उन्होंने धरनास्थलों पर आंदोलनकारियों की संख्या पर कहा कि फिलहाल गर्मी ज्यादा है। इस वजह से अभी संख्या कम है मगर बरसात के बाद मौसम में सुधार होगा और अधिक संख्या में किसान यहां पहुंचेगे।
ठंड में ही होगा इलाज
इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि हम लोगों ने नवंबर में ही आंदोलन शुरू किया था और इस बार यदि तब तक आंदोलन चला तो पूरा इलाज किया जाएगा। इस बार ठंड शुरू होते ही धरनास्थलों पर फिर से भीड़ हो जाएगी और ठंड में ही सरकार का इलाज किया जाएगा। यूपी में हाल में हुए पंचायत चुनावों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि यहां सरकार की गुंडागर्दी देखने को मिली। प्रत्याशियों को पर्चा ही नहीं भरने दिया गया और उन्हें मार कर भगा दिया गया। विधानसभा चुनाव में इसका बदला लिया जाएगा। अभी से इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है।