लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल ही रहा के बाद सोमवार को भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक मामला सामने आ गया। अलग-अलग जिलों से आए बेरोजगार युवक-युवतियों ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है 69000 भर्ती प्रक्रिया में 22 हजार सीट और जोड़ी जाए और उन्हें भरा जाए। मांगो को लेकर युवाओं की भीड़ सीएम आवास के पास पहुंच गई, जहां करीब आधे घंटे तक वहां बवाल चला। जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया।
नाराज युवाओं ने शुरू में वहां से हटने से मना कर दिया लेकिन बल प्रयोग करने की जब चेतावनी मिली थी तो कुछ वहां से हट गए और कुछ को पुलिस ने हिरासत में लिया और बस में भर कर इको गार्डन स्थित धरना स्थल भेज दिया। आंदोलनकारियों का कहना था कि भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, उसके बाद भी उसको फॉलो नहीं किया जा रहा है। बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामला में पिछले दिनों शिक्षा मंत्री का आवास घेरने वाले बेरोजगार अब सीएम आवास तक पहुंचने लगे है। इसमें बड़ी संख्या महिला बेरोजगार की थी।
पद खाली होने की दलील: प्रदर्शनकारियों में वह लोग ज्यादा थे, जो भर्ती प्रक्रिया में शामिल भी नहीं हुए। बावजूद इसके वे प्रक्रिया में धांधली का आरोप और नए पदों पर भर्ती की मांग कर रहे थे। आरोप है कि प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में अभी कम से कम 22 हजार बहाली और की जा सकती है। प्रदर्शनकारी इस दौरान लगातार सीट बढ़ाने को लेकर नारे लगा रहे थे। उनके हाथों में अपनी मांगों से जुड़े पोस्टर भी थे। अभ्यर्थियों की भीड़ देखकर पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। करीब 100 से ज्यादा लोग अलग – अलग रास्ते से पहुंच थे।
ओबीसी वालों ने शिक्षा मंत्री के घर का किया था घेराव: इससे पहले ओबीसी और एससी वर्ग के लोगों ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के घर का घेराव किया था। इसमें आरोप था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के नियम को फॉलो नहीं किया गया है। इसमें छह लोगों का डेलीगेशन शिक्षा मंत्री से मिला भी था। उसमें प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 15 हजार लोगों की नौकरी मारी जा रही है। मंत्री ने मामले में आयोग से चार दिन में रिपोर्ट मांगने की बात कही थी।