रिपोर्ट-एस.वी.सिंह उजगार। पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय से जुड़े किसान भईयों के सामने मुर्गियों में गर्दन गर्दन टेढ़ी, गर्दन मुड़ने और गर्दन मरोड़ने संबन्धी बीमारी की समस्या अक्सर आती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि, इस बीमारी के क्या कारण हैं और इसके हो जाने पर इसका क्या उपचार करें।
निवेदन: किसान भाईयों हमारे चैनल पर इस बीमारी से संबन्धित वीडियो पर अंत तक बने रहें ताकि आपको उक्त समस्या का संपूर्ण समाधान प्राप्त हो सके-
मुर्गियों में गर्दन टेढ़ी करने, मरोड़ने और मोड़ने की समस्या को साधारण रूप में नही देखना चाहिए। यह एक घातक बीमारी है,जरा सी लापरवाही आपको बड़ी आर्थिक क्षति पहुंचा सकती है।
मुर्गियों में यह समस्या असंतुलित अहार व विभिन्न विटामिन्स की कमी होने के कारण आ जाती है। पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय से जुड़े किसान अपने फार्म पर आये रोज इस तरह की समस्या से दो चार होते रहते हैं।
कई किसान मित्र जो बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग करते हैं उन्होने इस समस्या पर आर्टिकल लिखने व वीडियोे बनाने का आग्रह किया। उन्होने बताया कि उनकी बर्ड्स काफी समय से गर्दन मरोड़ रही है। वह जीवित है, दाना भी खाती है लेकिन गर्दन मरोड़े रहती है।
इसे नही देखा तो क्या देखा-
यदि आपके फार्म पर भी इस तरह की समस्या है तो हम इसके कुछ उपाय आपको बता रहे हैं यदि आप वह प्रबंध कर लेंगे तो 95 फीसदी आपकी समस्या का समाधान हो जायेगा।
कैसे दिखते हैं लक्षण-
- मुर्गियां गर्दन मरोड़ती हैं, गर्दन को घुमाती रहती हैं।
- कभी-कभी बडर््स गोल-गोल नाचता रहता है।
- बडर््स दाना तो खाता है लेकिन गर्दन टेढ़ी किये पड़ा रहता है।
- देखने को मिलता है कि मुर्गी अपना शरीर एंेठती रहती है।
क्या करें उपाय-
यदि आपके फार्म में भी इस तरह की समस्या है तो कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं। जिस पर आप अमल करके इस बीमारी से एक हद तक निजात पा सकते है। आर्टिकल में बताये जा रहे तरीके पोल्ट्री किसानों के अनुभव पर आधारित हैं। इस लिए इसे अमल में लाने से पहले अपने किसी पशुचिकित्सक से अवश्य सलाह लेंलें।
प्रॉपर वैक्सीनेशन करायें-
किसान भाईयो जब भी आप नया बैच डालें तो ध्यान रहे उनका प्रॉपर तरीके से वैक्सीनेशन करें। कई किसान भाई जो देशी मुर्गी पालन करते हैं वह वैक्सीनेशन न कराने की भूल कर बैठतेे हैं। ऐसे में जब उनके फार्म पर किसी न किसी रूप में वायरस आ जाता है तो उनके यहां भारी मात्रा में मोरटेलिटी होने लगती है।
एक बार जब बीमारी शुरू हो जाती है तो इसे रोकना काफी मुशिकल हो जाता है।
इस बार भी पोल्ट्री फार्म में बड़ी तादात में इस तरह की बीमारी आयी। कई किसान भाईयों के फार्म पूरी तरह से साफ हो गये और उन्हे भारी आर्थिक छति उठानी पड़ी।
Please See This Video:
गर्दन टेढ़ी होने और बर्ड्स द्वार उसे मरोड़ने के प्रमुख कारण हैं
- पहला कारण है कि यदि आपने अपने चिक का सही समय पर वैक्सीनेशन नही किया है तो ऐसी स्थिति में आपके फार्म पर रानीखेत या सीआरडी जैसी बीमारी का अटैक हो जाता है। यदि रानी खेत बीमारी आयी है तो इसका सटीक इलाज अभी तक नही आया है और 90 फीसद बर्ड मोर्टेलिटी का शिकार हो जाते हैं। जो बर्ड्स बच जाते हैं उनमें प्राया गर्दन टेढ़ी करने, मरोड़ने और ऐंठने की समस्या बनी रहती है।
- छूसरा कारण है कि बर्ड्स को प्रॉपर तरीके से या तो डाईट नही मिल पा रही है या उसे जा फीड दिया जा रहा है उसमें विटामिन और मिनरल की कमी है।
बीमारी लग जाने पर कैसे करें उपचार-
- किसान भाईयों को चाहिए कि वह पूरी सावधानी पहलेे से ही बरतें ताकि कोई बीमारी आपके फार्म पर आये ही नही। इसके लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। आप समय पर पहले एक सप्ताह के अंदर, फिर 14 दिनों के अन्दर फिर 28 दिनों के अंतराल पर पर अपने बर्ड्स वैक्सीन लगवायें।
- बर्ड्स की फीडिंग सही करें। उन्हे प्रोटीन और मिनरल से भरपूर अहार दें। यदि आप देशी मुर्गी पालन कर रहे हैं तो उन्हे समय-समय पर हरा चारा भी देते रहें इससे उनके अंदर कई तरह के विटामिन और मिनरल प्राकृतिक ंरूप से मिल जायेंगे।
- इसके अलावा किसान भाई अपने पशुचिकित्सक की सलाह से कुछ दबाईयां भी उन्हे दे सकते हैं। विटामिन और मिनरल्स की कई दवाईयां आज कल आ रहीं हैं आपका चिकित्सक जिस दवा या टॉनिक की सलाह दे आप उसे नजदीकी स्टोर से खरीदकर अपने बर्ड्स को दे सकते हैं।
- उनके फीड में अथवा पानी में कभी-कभी नमक भी आप दे सकते हैं।
यह भी पढें- बजट समीक्षा 2022 -23 : अमृत काल में विष जैसा कड़वा कृषि बजट
अनुभवरी पोल्ट्री फार्मर ने रिकमेंड की यह दवा-
जावेद पोल्ट्री फार्मिंग के नाम से इस व्यसाय से जुड़ेे जावेद जी इस बीमारी से संबन्धित एक दवा रिकमेंड कर रहे हैं। आप चाहें तो अपने चिकित्सक से परामर्श कर वह दवा भी इस बीमारी से प्रभावित बर्ड्स को दे सकते हैं।
यह बहुत ज्यादा मंहगी नही हैं और बहुुत आसानी से हर वेटनरी स्टोर पर मिल जाती है। इस दवा का नाम वी-सेनेरल (vi-syneral) है।
किसान भाई इस दवा को कितना और कैसे देना है नीचे दिए लिंक पर जाकर वीडियो में देख सकते हैं। वीडियों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- https://youtu.be/ywS3kP_ASZU
इसके अलावा किसान भाई पशुपालन विभाग में तैनात कुक्कुट रोगनियंत्रण से संबन्धित अधिकारियों से परामर्श कर सकतेेे हैं। वह लोग स्पेशली इसी काम के लिए बैठाये गये हैं। हमने वीडियोेेे के डिशक्रिप्शन में कुक्कुट रोग नियंत्रण से संबन्धित चिकित्सको का विवरण दिया है आप वहां से उनका टेलीफोन नंबर लेकर उनसे बात कर सकते हैं।
ध्यान दें ⇒ अपने व्यापार, संस्थान, संगठन और ब्राण्ड के प्रमोशन के लिए रत्नशिखा टाइम्स का प्लेट फार्म इस्तेमाल करें। अभी मेल करें : ratnashikhatimes@gmail.com