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लखनऊ। मंडलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में पी0एम0 स्वनिधि योजनान्तर्गत एक समीक्षा बैठक मंडलायुक्त कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुयी, जिसमें नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त, पी0ओ0 डूडा सहित बैंकर्स उपस्थित थे।
ख़राब प्रगति वाली बैंको को किया गया चिन्हित
बैठक में ऐसी बैंक जिनकी बैंक शाखाओं में अधिक मात्रा में आवेदन पत्र लंबित है उनके जोनल हेड तथा सबसे खराब प्रगति वाली बैंक शाखाओं के बैंक प्रबंधकों को बैठक में बुलाया गया। समीक्षा में पाया गया कि यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया में 2739 आवेदन पत्र, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में 2663 आवेदन पत्र, कोटक महिन्द्रा बैंक में 2230 आवेदन पत्र, बैंक ऑफ बड़ौदा में 1561 आवेदन पत्र, पंजाब नेशनल बैंक में 1530 आवेदन पत्र, इण्डियन बैंक में 1422 आवेदन पत्र, आर्यावृत बैंक में 890 आवेदन पत्र, केनरा बैंक में 838 आवेदन पत्र, बैंक ऑफ इण्डिया में 676 आवेदन पत्र, सेण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में 569 आवेदन पत्र, एच.डी.एफ.सी बैंक में 420 आवेदन पत्र, इण्डियन ओवरसीज बैंक में 370 आवेदन पत्र, स्वीकृति एवं वितरण हेतु लंबित है।
बैंको के पास 18 हजार आवेदन पड़े लंबित
उक्त योजनान्तर्गत लखनऊ जनपद उत्तर प्रदेश में 65 वें स्थान पर है। उक्त खराब प्रगति पर मण्डलायुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिये कि विभिन्न बैंक के पास लगभग 18000 आवेदन पत्र लंबित है। मण्डलायुक्त ने कहा कि बैंको द्वारा अभियान चलाकर लम्बित आवेदन पत्रों का तीन दिन में शत-प्रतिशत निस्तारण कराया जायें। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्रों पर समय से निस्तारण न होने की वजह से वेन्डर/हितग्राही उक्त योजना का लाभ उठाने में उदासीनता दिखा रहा है।
जबकि उक्त योजना को भारत सरकार की अन्य योजनाओं जैसे उज्जवला योजना, बीमा योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना, जनधन योजना, जननी सुरक्षा योजना, मटरू वंदना योजना इत्यादि से भी जोड़ा गया है। बैठक में सभी बैंकों के जोनल हेड उपस्थित थे जोनल हेड द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि उक्त योजनान्तर्गत लक्ष्यानुसार प्रगति सुनिश्चित की जायेगी। मण्डलायुक्त द्वारा सभी बैंक प्रबंधकों तथा जोनल हेड को तत्काल ऋण वितरण करने के निर्देश दिये गये।
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