Published by RT News
लखनऊ, एजेंसी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों को वापस शामिल कर अलग अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा। सेना मेडिकल कोर के स्थायी कमीशन और शार्ट सर्विस कमीशन के सेवानिवृत्त डॉक्टरों की दोबारा संविदा पर तैनाती होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने सशस्त्र बल मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) महानिदेशालय के इन डॉक्टरों की भर्ती के प्रस्ताव को अनुमति दे दी है।
तीनों सेनाओं के 400 सेवानिवृत्त डॉक्टर रिअप्वाइंट होंगे
रक्षा मंत्रालय ने महानिदेशक एएफएमएस को आदेश जारी कर दिया है। जिसके तहत टूर ऑफ ड्यूटी स्कीम के तहत एएमसी और एसएससी के 400 अवकाशप्राप्त डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इस स्कीम में चयनित डॉक्टरों की नियुक्ति अधिकतम 11 माह के लिए संविदा के आधार पर की जाएगी। डॉक्टरों के लिए मानदेय उनकी अंतिम सैलरी के बेसिक पे और स्पेशलिस्ट भत्ता जोड़कर दिया जाएगा। सिविलियन मानकों के तहत चयनित डॉक्टरों को मेडिकल रूप से फिट रहना होगा। रक्षा मंत्रालय के निदेशक मेडिकल ब्रह्मनंदा श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा है कि डॉक्टरों की तैनाती के बाद उनको मानदेय के भुगतान थलसेना,वायुसेना और नौसेना अपने अपने अलग अलग मदों से करेंगी। पिछले दिनों ही सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बताया था कि सेना के तीनों अंगों के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों को दोबारा तैनात किया जाएगा। जिससे देश भर में कोरोना के उपचार के लिए डॉक्टर मिल सकें।
सीडीएस ने महानिदेशक एएफएमएस को सेवानिवृत डॉक्टरों की भर्ती का प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया। जिसे अनुमति के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया था। अब इन डॉक्टरों की भर्ती से देश भर के सैन्य और असैन्य अस्पतालों में अधिक कोरोना संक्रमित रोगियों का उपचार हो सकेगा।
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