रिपोर्ट-विक्रम सिंह। औरैया जनपद के एक हुनरमंद नवजवान किसान ने आर्गेनिक खेती को अपना जरिया बनाकर घर परिवार में सुख और समृद्धि की बयार ला दी। आज वह आग्रेनिक खेती के साथ मशरूम के उत्पादन से सालाना लाखों रूपये कमा रहा है।
औैरैया जनपद के जमौली गांव का एक नवजवान लड़का जगत सिंह कुशवाहा ने आर्गेनिक खेती के जरिए अपने जनपद के साथ-साथ प्रदेश के उन चंद जागरूक किसानों में अपना नाम दर्ज करा लिया जिन्हे समाज और सरकार दोनो सम्मान की नज़र से देखते हैं।
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जगत सिंह कुशवाहा ने आर्ग्रेनिक खेती अपनाकर न केवल अपनी लागत को जीरो कर लिया है बल्कि कैमिकल खेती को टाटा बॉय-बॉय करके पर्यावरण सरंक्षण में अपने योगदान की पहली दस्तक भी दर्ज करा दी है।
जगत सिंह इस समय आर्गेनिक मशरूम उगाकर नाम के साथ-साथ खूब दाम भी कमाने लग गये हैं। क्षेत्र में लोग इस समय जगत का मशरूम बड़े चाव से खा रहे हैं और जगत की आशा और उम्मीद का दिया उनके जीवन में एक नया प्रकाश भर रहा है।
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इण्टर तक की है पढ़ाई
जमौली गांव के एक साधारण किसान परिवार का लड़का जगत सिंह एक होनहार और मेधावी छात्र था। घर में मां बाप के अलावा चार भाई बहन के बीच छोटे से जमीन के टुकड़े की आमदनी में आगे की पढ़ाई और सरकारी नौकरी के ख्वाब जब दफन हो गये तो जगत सिंह ने अपनी तकदीर को खुद लिखने का फैसला किया। उसने अपनी इण्टर तक की पढ़ाई को अपने लिए हुनर सीखने का पहला हथियार बनाया।
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कृषि विज्ञान केन्द्र से लिया मशरूम का प्रशिक्षण
दूसरे किसानों से इतर जगन ने अपने ब्लॉक में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पर ऑग्रेनिक खेती का प्रशिक्षण लिया। 2018 में जब उसने अपने प्रशिक्षण को प्रयोग में बदला और रसायनयुक्त फर्टिलाइजर को छोड़ने का फैसला किया तो घर वालों के विरोध और गांव वालों के उपहास का शिकार होना पड़ा।
जगत ने इसकी परवाह नही की, क्यों कि उसने कुछ और करने की ठान रखी थी।
जगत इस समय आर्गेनिक तकनीक से अपने छोटी सी जमीन में हल्दी, आलू, सरसों, मेथी, गेंहू, गन्ना, बैंगन, भिण्डी आदि की फसल उगाते हैं। नई तकनीक के साथ उस छोटे से भूमि के टुकड़े ने उन्हे इतना आत्मनिर्भर बना दिया जिससे उनका परिवार एक खुशहाल जीवन जीने लगा है।
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50 बैग से शुरू किया मशरूम उत्पादन
2021 में जगत ने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया और इस समय ढिंगरी मशरूम उगा रहे हैं। मशरूम के उत्पादन में भी उन्होने कैमिकल यहां तक फार्मेलिन जैसे फंगीसाडड को दूर रखा है। जगत सिंह पिछली बार 50 बैग लगाकर मशरूम उत्पादन शुरू किया था, जो बेहद कायमयाब रहा।
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इस बार उन्होने 150 बैग लगाये हैं। जगत सिंह के अनुसार एक बैग से उन्हे तकरीबन 1.5 से 2 किग्रा मशरूम प्राप्त होता है। जो उनका घर बैठे 40 रूपये प्रति 250 गा्रम यानि 160 रूपये किलो बड़ी आसानी से बिक जाता है।
गोबर को कई चरणों में करते हैं यूज
जगत सिंह घर में पले पशुओं का गोबर कई चरणों में यूज करते है। जीरो बजट खेती के फार्मूले को उन्होने घर में भी एल्पई किया। घर का गैस चूल्हा वह प्राकृतिक तरीके से तैयार की गयी गोबर गैस से ही जलाते हैं।
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