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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक आश्चर्यजनक कदम के तहत शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित सीबीएसई छात्रों के साथ एक सत्र में शामिल हुए। उन्होंने बैठक के दौरान छात्रों के माता-पिता के साथ भी बातचीत की और छात्रों और उनके माता-पिता के मुद्दों और चिंताओं पर उनके साथ बातचीत की। ज्ञात हो कि सीबीएसई की 12 परीक्षा रद्द होने से काफी छात्रों और उनके माता- पिता को आगे के भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है।
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छात्रों और उनके माता-पिता की चिंताओं को किया दूर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि उनकी सरकार द्वारा इस साल सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद करने का निर्णय एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया और यह छात्रों के हित में सबसे अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देश भर से कई तरह के फीडबैक मिले उन्हीं के आधार पर यह छात्र-हितैषी निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कोरोना के कारण सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के केंद्र के फैसले के बाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने बुधवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दीं, जबकि कुछ अन्य ने कहा कि वे जल्द ही निर्णय लेंगे। फैसले की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कई ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के लिए एक अराजक वर्ष रहा है। वे अपने घरों तक सीमित रहे और दोस्तों के साथ कम समय बिताया।
व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला
छात्रों का साथ देने के लिए पीएम ने शिक्षकों की सराहना की, उन्होंने एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि जैसा कि आपने कहा, मौजूदा समय में यह सबसे अच्छा और छात्र हितैषी फैसला था। एक शिक्षक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम ने कहा कि शिक्षण समुदाय ने पिछले एक साल में उत्कृष्ट भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मैं छात्रों का समर्थन करने के लिए सभी शिक्षकों की सराहना करना चाहता हूं और यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि शिक्षा यात्रा नए माहौल में भी जारी रहे।
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