लखनऊ, (रिपोर्ट-विकास अवस्थी)। गोरखपुर में एक ही थाना क्षेत्र में पुलिस और दबंगों द्वारा मनीष गुप्ता व मनीष प्रजापति की पीट-पीट कर निर्ममता पूर्वक की गई हत्याएं चीख चीख कर कह रही है कि उत्तर प्रदेश में इस समय जंगलराज कायम है। यह बात भागीदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता अश्वनी कुमार प्रजापति ने मीडिया को दिए ज्ञापन में कही।
राष्ट्रीय महासचिव ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन लखनऊ जिलाधिकारी को सौंपा जिसमें उन्होने कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता तथा गोरखपुर के मनीष प्रजापति की हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होने मॉडल शॉप में काम करने वाले मनीष प्रजापति के परिवार को एक करोड़ रूपये मुआवजा व एक व्यक्ति को नौकरी दिए जाने की मांग की।
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अश्वनी प्रजापति ने कहा कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे गोरखपुर जिसे मिनी मुख्यमंत्री कार्यालय कहा जाता है वहॉ एक-एक बाद एक दो हत्याएं यह दर्शाती है कि प्रदेश में कानूनी व्यवस्था का दम्भ भरने वाली उ0प्र0 की सरकार कानूनी व्यवस्था के हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है।
गोरखपुर में हुई मनीष प्रजापति के हत्या उसी थाना रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में हुई है जिसमें दो दिन पहले कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या हुई है। आखिल क्या कर रही है उ0प्र0 पुलिस, क्या हो गया है। जब से सरकार बनी है तब से प्रजापति समाज के 50 से ज्यादा लोगों की हत्याएं हो चुकी है। मनीष गुप्ता की हत्या के समय मुख्यमंत्री ने नौकरी और 10 लाख रूपया मुआवजा की घोषणा की है।
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अखिलेश यादव ने भी 20 लाख रूपये की घोषणा की है। लेकिन मनीष प्रजापति के लिए क्या। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित की जाति देखकर मुआवजे की घोषणा की जाती है। प्रजापति का बेटा मरा है इसलिए ना मुख्यमंत्री पीड़ित के घर गये और ना ही कोई मुआवजे की घोषणा हुई। सबका साथ सबका विकास के वादे झूठ है। मनीष प्रजापति के लिए सरकार ने क्या घोषणा की।
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उन्होने कहा कि इससे बड़ी लापरवाही और क्या होगी जहां पुलिस अब तक दोषियों को सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद गिरफ्तार तक नहीं कर सकी है। प्रजापति समाज के एक बेटे की हत्या गोरखपुर में अपराधियों ने सिर्फ इसलिए कर दी गयी क्योंकि उसने मुफ्त में शराब देने से मना कर दिया था।