published by Neha Bajpai
नयी दिल्ली। केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान ताली और थाली बजाकर विरोध जताया।
श्री मोदी ने सुबह जैसे ही मन की बात शुरू की, वैसे ही किसानों ने ताली और थाली बजाना शुरू कर दिया। नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने कल ही ऐलान कर दिया था कि वह श्री मोदी के मन की बात का विरोध करेंगे।
दिल्ली के शाहजहांपुर हाईवे और सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने मार्च निकाला और थाली बजायी। किसान अलग-अलग बर्तन लिए हुए थे और उन्होंने इस दौरान नारेबाजी भी की। स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव किसानों के इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा, “ मन की बात के शोर को दबाने के लिए हम थाली बजा रहे हैं।”
श्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में एक माह से जारी किसान आंदोलन पर कुछ नहीं कहा जिसे लेकर विपक्ष ने उनकी आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री की चुप्पी हैरान करने वाली है। उन्होंने पर्यावरण, जंगली और आवारा जानवर, युवाओं, वृद्धों और आत्मनिर्भरता आदि की बात की है लेकिन जो किसान कड़कड़ाती सर्दी में आंदोलन कर रहे हैं उनके बारे में एक शब्द तक नहीं बोला है।
गौरतलब है कि श्री मोदी ने किसान आंदोलन शुरू होने के बाद कहा था कि उनकी सरकार अपने कटु आलोचकों समेत सभी से बातचीत के लिये तैयार है, लेकिन यह बातचीत ‘तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों’ पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने केन्द्र और किसानों के बीच वार्ता में गतिरोध के लिये राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना भी साधा था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रदर्शनकारी किसानों से चर्चा के जरिए अपने मुद्दों का हल करने का आग्रह किया।
संयुक्त किसान माेर्चा की ओर से सरकार के साथ 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया है।
यह भी पढ़ें –https://ratnashikhatimes.com/the-major-events-of-december-29-in-india-and-world-