यूपी के पशुपालन विभाग की बहुचर्चित योजना मोबाइल वैटनरी यूनिट सेवा सफेद हांथी बनती जा रही है। इस योजना में एक नहीं कई पेंच फस चुके हैं। इस योजना के जिम्मेदार अधिकारी जो कल तक छाती ठोककर इसकी खूबियां गिना रहे थे वह आज यह सुरू हो भी पायेगी या नही यह बताने में कन्नी काटने लगे हैं।
निश्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता को जिंदा रखने में सहयोग करें। अपने उत्पाद की ब्राण्डिंग के लिए संपर्क करें – ratnashikhatimes@gmail.com
लखनऊ, (एस.वी.सिंह उजागर )। दुष्यंत कुमार की मशहूर गज़ल का ये मतला और शेर आप में से ज्यादातर लोगों ने सुना होगा-
हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज ये दीवार पर्दों की तरह हिलने लगी,
सर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
यह भी पढें – दहेज इकाई का विस्तार करेगा गोदरेज प्रोसेस इक्विपमेंट
यूपी के पशुपालन विभाग में ठीक इसके उलट हो रहा है। यहां सूरत बदलने के लिए कोशिश नही बल्कि हंगामा खड़ा करने के लिए पूरा प्रेपोगंडा चलाया जाता है। सरकार, शासन और निदेशालय स्तर तक के अधिकारी आने वाली या यूं कहें कि कभी न सुरू हो सकने वाली योजनाओं को एक बड़ी उपलब्धि बनाकर पेश करते हैं और प्लानिंग के अभाव में पूरी योजना का बंटाढार कर बैठते हैं।
देखें यह वीडियो –
फॉलोअप में आज हम एक ऐसी ही योजना के विषय में बताने जा रहे हैं जिस पर पहले भी हम एपिसोड बना चुके हैं। हमारे चैनल ने अब तक इस योजना को लेकर जो-जो कहा सब कुछ सही निकला।
जी हां हम यूपी के पशुपालन विभाग की बहुचर्चित योजना मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा की बात कर रहे हैं। सफेद हांथी बनती जा रही इस योजना में एक नहीं कई पेंच फस चुके हैं। इस योजना के जिम्मेदार अधिकारी जो कल तक छाती ठोककर इसकी खूबियां गिना रहे थे वह आज यह सुरू हो भी पायेगी या नही यह बताने में कन्नी काटने लगे हैं।
इसे भी देखें –
पशुपालन विभाग की ऐसी कई योजनाएं हैं जिसे विधानसभा चुनाव से पहले खूब बढ़ाचढ़ाकर पेश किया गया था लेकिन हब उनका पुरसाहाल लेने वाला कोई नही है।
विभाग में चल रहा बजट का रोना
पशुपालन विभाग में पहले से संचालित सचल वाहन पशुचिकित्सा सेवा के लिए न तो बजट है और न बांटने के लिए पर्याप्त दबाईयां। इस योजना में लगी 700 से ज्यादा टाटा सूमो गाड़ियां खटारा होने की कगार पर हैं। इनमें से ज्यादातर पशुपालन विभाग के पास न होकर स्थानीय जिला प्रशासन के पास बनी रहतीं हैं। मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा के नाम पर खरीदी गयीं 520 आधुनिक सुख सुविधा से लैस एंबुलेंस राजधानी लखनऊ स्थित टाटा कंपनी के वर्कशॉप में धूल और बरसात की मार झेल रहीं हैं।
टाटा मांग रही गोडाउन का किराया
सूत्रों के अनुसार टाटा कंपनी विभाग से गाड़िया खड़ी करने के लिए किराये की मांग कर रही है और वहीं जिस जेवीके कंपनी को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गयी थी प्रदेश सरकार द्वारा उसका टेण्डर निरस्त करने की बातें भी सामने आ रहीं हैं।
Must watch this video :
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि प्रदेश सरकार की तरफ से इसका संचालन मण्डल वाइस कराने तथा एक से अधिक कंपनियों को योजना के संचालन की जिम्मेदारी सौंपने की बात की जा रही है।
विभागीय अधिकारी पशोपेश में हैं। योजना संचालन के लिए प्रति माह तकरीबन 5 से 6 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। लगभग 1 अरब सालाना भारी भरकम बजट वाली यह योजना पिछले एक साल से शुरू हाने की बाट जोह रही है।
पहले भी लांच हो चुकी है यह योजना
प्रदेश के पूर्व पशुधन मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी एक बार इस योजना को हरी झण्डी दिखाकर सुरू भी कर चुके हैं। जनवरी 2022 में मुख्यमंत्री योगी द्वारा इसे हरी झण्डी दिखाने का समाचार भी जोर शोर से प्रसारित किया गया था। बीते एक वर्ष में तकरीबन पांच बार योजना संचालन शुरू करने की तारीखें मीडिया की सुर्खियां हासिल कर चुकी हैं।
See This video :
इस योजना की जब से प्रस्तावना बनी तब से लेकर अब तक 2 बार विभाग के मुखिया बदल चुके हैं। 1 अगस्त से पुनः एक नये तीसरे मुखिया के हांथ में योजना की बागडोर होगी।
See Related News : मेला ब्रह्मदेव : मन्नत पूरी होने की कामना लेकर सैकंडों मील की दूरी से आते हैं श्रद्धालु
उधर योजना के लिए भर्ती किये गये पशुचिकित्सकों और पैरावैट तथा अन्य स्टाफ के लिए तय वेतन में कटौती का पत्र जारी होने के बाद ज्यादातर स्टाफ नौकरी छोड़ने के लिए तैयार बैठा है। भर्ती प्रक्रिया में भाग ले चुके कई चिकित्सकों का कहना है कि 50 हजार की बात कहकर वैकेंसी निकाली गयी थी लेकिन अब हांथ में 35 हजार आयेगा इससे ज्यादा वह निजी प्रेक्टिस से कमा लेंगे और घर के घर में रहेंगे।
नोट: दोस्तो हमारा चैनल कृषि और किसानों से संबन्धित मुद्दों को प्रमुखता से उठाता रहता है। यदि आपके क्षेत्र में कोई समस्या है और उसकी सुनवाई नही हो रही है तो उसकी सूचना या वीडियो हमारे चैनल को प्रेषित करें हम आपकी बात को आगे पहुंचाने में हर संभव मदद करेंगे।