– पक्षपात पूर्ण कार्यवाही हुई तो आंदोलन तय: डाॅ राकेश
Published by RT News
विशेष संवाददाता
लखनऊ। पशुपालन विभाग के 2 पशु चिकित्सकों पर एटा पंचायत चुनाव में मतगढ़ना के दौरान लापरवाही का आरोप लगाकर जिलाधिकारी द्वारा की गयी निलंबन की संस्तुति के विरोध में उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ ने ताल ठोक दी है।
संघ के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने कहा कि वहां के वीडीओ को बचाने के लिए पशुचिकित्सकों की बलि चढ़ाई जा रही है, लेकिन ऐसा किसी भी कीमत पर होने नही दिया जायेगा। डा. राकेश कुमार ने चेेतावनी दी कि यदि निलंबन की संस्तुति बापस न ली गयी तो पूरे प्रदेश के पशु चिकित्सक आंदोलन में कूद पड़ेंगे।
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उन्होने कहा कि एटा में पंचायत चुनाव मतगणना में हुई विसंगतियों के लिए जिम्मेदार बीडीओ को बचाने के लिए पशुपालन विभाग के डिप्टी सीवीओ डॉ अनिल कुमार व डिप्टी सीवीओ डॉ राम हरि के निलंबन की संस्तुति की गयी है।
उन्होने कहा कि बिना पूर्व प्रशिक्षण के एक दिन पहले मतगणना में पशुचिकित्साधिकारियों की ड्यूटी लगाना राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाना है। उन्होने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट तौर पर सभी पशु चिकित्सकों को चुनावी ड्यूटी से अवमुक्त सेवाओं की सूची में शामिल किया गया थां।
संघ के उपाध्यक्ष डा. आशीष सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नही निभा सका लेकिन उसका ठीकरा पशु चिकित्सकों पर फोड़ रहा है। उन्होने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि डाॅ. अनिल कुमार से कोरोना संक्रमित होने के बावजूद ड्यूटी करायी गयी। अस्वस्थता के बावजूद उन्होने प्रमाणपत्र वितरित करने के बाद ही मतगणना स्थल छोड़ा।
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डाॅ. रामहरी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में खुद को निर्दोष बताया
एटा में तैनात उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राम हरी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर खुद के निर्दोष होने का हवाला देते हुए निलंबन की संस्तुति को निरस्त करने की मांग की। डा. रामहरी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा उनकी ड्यूटी मतगणना से महज तीन दिन पूर्व लगायी गयी थी जिसके लिए उन्हे प्रशिक्षित भी नही किया गया था। न ही किसी ने बार्डों और बूथों की सही संख्या से अवगत कराया। जिला प्रशासन ने उनसे दबाव देकर लिखवाया कि टेबुलेशन त्रुटिपूर्ण पाया गया है जब कि इसके लिए सीधे तौर पर वहां के खण्ड विकास अधिकारी जलेसर जिम्मेदार हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में उन्होने जिलाधिकारी द्वारा एकतरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाया।
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