लखनऊ। किसी भी संस्था के लिए इससे ज्यादा फक्र की बात क्या हो सकती है, कि उस संस्था के नए भवन का उद्घाटन, संस्था के पूर्व छात्र के कर कमलों से हो और यह बात और भी गौरवमयी हो जाती है जब वह पूर्व छात्र देश के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायधीश हो। यह पूरा मंज़र आज शिया कालेज पी. जी. कालेज, लखनऊ में हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी के नाम से विधि संकाय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के अवसर पर चरित्रार्थ हुआ। शिया पी. जी. कालेज के विधि संकाय के नए भवन का उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हुआ। इस उद्घाटन समारोह में माननीय न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ बेन्च, माननीय न्यायमूर्ति राजीव सिंह, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेन्च, प्रो। आलोक कुमार राय, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थिति रहे।
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उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए माननीय न्यायमूर्ति, विक्रम नाथ, न्यायाधीश, उच्चत्तम न्यायालय, नई दिल्ली ने अपनी बात को अलग ही अंदाज में शुरू किया, अपने उद्बोधन में उन्होने कहा कि ‘‘मैं अपने घर में आया हूँ मगर अंदाज तो देखो मैं अपने आप को मानिन्दे मेहमॉ ले के आया हूँ’’। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने शिया कालेज में बिताए हुए अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनकी सफलता में महाविद्यालय का अभूतपूर्व योगदान रहा और इतना योगदान रहा कि अगर शिया कालेज न होता तो मैं कुछ न होता। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों का समर्पण ही सफलता की कुंजी है, सफलता के लिए ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए, आपकी बात जरूर सुनी जाती है।
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न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय जो स्वंय भी शिया पी. जी. कालेज के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने समारोह में बोलते हुए कि आज अपने कालेज को देखकर मैं सम्मोहित हूँ, जब मैं यहाँ का छात्र था तब कालेज की जो स्थिति थी और आज जो विकास हुआ है उसकी तुलना कर पाना सम्भव नही है। आज शिया कालेज के अन्दर अनेकों नए-नए भवन है और वर्तमान आधुनिक समय के अनुसार शिया कालेज ने अपना डिजिटलीकरण करके अपने को और विशिष्ट बना लिया है। तीसरे वक्ता के रूप में न्यायमूर्ति राजीव सिंह, न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बोलते हुए छात्रों को बढ़िया वकील बनने और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए व्यवसायिक नैतिकता से रूबरू कराया।
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कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ प्रो आलोक कुमार राय ने कहा कि जब मुझे लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति बनने का प्रस्ताव मिला तो मैंने लखनऊ विश्वविद्यालय को जानने के लिए गूगल सर्च किया तो मुझे लखनऊ विश्वविद्यालय के एल्यूमिनाई में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ का नाम मिला तो यह कहा जा सकता है कि बिना मिले भी हमारे बीच एक अनोखा सम्बंध बन गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अवसर पर हम न्यायमूर्ति विक्रम नाथ जी को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में बुलाकर सम्मानित करना चाहते थे लेकिन कोविड के कारण यह नही हो सका, लेकिन आज यह अवसर हमें शिया कालेज के माध्यम से प्राप्त हो गया जिसके लिए हम शिया कालेज प्रबन्ध-तंत्र के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय अपने सभी महाविद्यालयों को अपना अहम हिस्सा मानता है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में लखनऊ विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है जिसने नई शिक्षा नीति लागू की और उन्होंने यह बात जोड़ी कि शिया कालेज लखनऊ का आगे बढ़ता हुआ सबसे प्रमुख कालेज है जिसका प्रबन्ध-तंत्र लगातार उन्नति और आगे की दिशा में सोचता है। उन्होंने समारोह मेें ही घोषणा की कि शिया पी0 जी0 कालेज, प्रबन्ध-तंत्र एलएलबी (पंचवर्षीय) सहित नए पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजे, लखनऊ विश्वविद्यालय उनको तुरन्त मंजूरी देगा।
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कार्यक्रम का प्रारम्भ कुरान शरीफ़ की तिलावत से हुआ, इसके बाद एज़ाज जै़दी साहब ने कुछ पंक्तियां इमाम मोहम्मद तक़ी के लिए पढ़ी, इसके बाद आए हुए अतिथियों का स्वागत शॉल पहनाकर और बुके और मोमेन्टो पेश करके किया गया। कार्यक्र का संचालन शिया कालेज ऑफ लॉ के प्रिन्सिपल इंचार्ज प्रो एसएम हसनैन ने किया। स्वागत भाषण देते हुए मजलिए-ए-उलेमा के सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने अतिथियों का स्वागत करने के बाद कहा कि आज मौका मेरे बोलने का नही सुनने का है, मैं अपने महाविद्यालय के पूर्व छात्र और वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश श्री विक्रम नाथ व अन्य अतिथियों को सुनने आया हूँ। बड़ी खुशी की बात है कि आज यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के मौके पर हो रहा हैं।
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सै. अब्बास मुर्तजा शम्सी, प्रबंधक, शिया पी. जी. कॉलेज ने बताया कि नवनिर्मित अण्डाकार भवन स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई, पुस्तकालय, मूट कोर्ट, लीगल एड क्लीनिक, गार्डेन आदि सभी आधुनिक शिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित है जिसमें विधि (त्रिवर्षीय) पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है। उन्होने बताया कि आगे आने वाले दिनों में इस नवनिर्मित भवन में एलएल. बी. (पंचवर्षीय) का भी संचालन शुरू किया जाएगा।
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समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो0 अज़ीज हैदर, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ ऑफ ट्रस्टीज़, लखनऊ ने आने वाले तमाम मेहमानों का शुक्रिया अदा किया और श्री विक्रम नाथ जी के शेरों व भाषण की बहुत तारीफ की और कहा कि शिया पी.जी. कालेज लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय के निर्देशों पर पूरी तरह पालन करते हुए महाविद्यालय को आगे बढ़ाने का कार्य जारी रखेगा।
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उद्घाटन समारोह के बाद शिया कालेज पी. जी. कालेज, लखनऊ में नवनिर्मित भवन हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी ब्लॉक का रिबन काटकर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति के.एस. पवार, न्यायमूर्ति राजीव सिंह एवं प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया, इसके बाद उन्होने विधि विभाग के भवन एवं कक्षाओं का निरीक्षण किया तथा नव निर्मित भवन परिसर में आए हुए अतिथियों ने वृक्षारोपण किया। इसके बाद इमाम अली मूट कोर्ट और विधि विभाग की लाइब्रेरी का निरीक्षण किया, जिसको देखकर आए हुए अतिथियों ने बहुत खुशी प्रकट की और कहा कि शिया कालेज विधि के क्षेत्र में भी बहुत तरक्की कर रहा है।
इस मौके पर बिहार से लॉ कालेज की पूर्व छात्रा व ज्यूडिशियल मजिस्टेªट ख्याति सिंह, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ए.के. साहू, लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी, हाईकोर्ट, लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता एम. बी. सिंह, कमर रिज़वी, रत्नेश चन्द्रा सहित बड़ी संख्या में बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्यगण, शिक्षक, एडवोकेट, छात्र-छात्राएं व शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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