published by neha bajpai
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित राष्ट्रीय उद्यान वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में घायल एवं बीमार वन्य-प्राणियों का पूरी शिद्दत से इलाज किया जा रहा है। वन विहार प्रबंधन इन वन्य-प्राणियों की देखभाल एवं इनके स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह सचेत है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहाँ वन परिक्षेत्र इंदौर के ग्राम नयापुरा से वन अमले द्वारा रेस्क्यू कर लाये गये नर तेंदुआ इंदर का इलाज किया जा रहा है। वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता ने इसका इलाज किया। वन विहार प्रबंधन द्वारा समुचित देखभाल करने से आज इंदर सामान्य रूप से भोजन ग्रहण कर रहा है और अपने बाड़े में आराम से चहलकदमी भी कर रहा है। हालांकि उसकी आँखों की रोशनी वापस आने की संभावना कम है।
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गत वर्ष कान्हा टाइगर रिजर्व से वन विहार में लाये गये जग-प्रसिद्ध और पर्यटकों के लाड़ले बाघ टी-17 उर्फ मुन्ना की स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों के चलते वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गया था। सतत चिकित्सकीय देखभाल के फलस्वरूप मुन्ना के स्वास्थ्य में काफी सुधार हो गया है। अब वह न केवल पूर्ण भोजन ग्रहण कर रहा है, बल्कि अपने बाड़े में भी आराम से घूमने-फिरने लगा है। हालांकि बड़वानी वन मण्डल से घायल अवस्था में वन विहार लाये गये नर लकड़बग्घे की स्थिति में खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। हालांकि वह अपना नियमित भोजन ग्रहण कर रहा है। वन विहार प्रबंधन द्वारा रेस्क्यू किये गये वन्य-प्राणियों की समुचित देखरेख के चलते अच्छे परिणाम सामने आये हैं।