Published by Neha Bajpai
नयी दिल्ली, (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु समान करने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी गयी।
उच्चतम न्यायालय ने पेशे से वकील एवं भारतीय जनता पार्टी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष और उच्च न्यायालयों में यह आयु 62 वर्ष है।
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मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, “आप चाहते हैं कि न्यायपालिका अपनी सेवानिवृत्ति की आयु खुद बढ़ाए? यह क्या है?”
संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने याचिकाकर्ता को सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए कहा। इसके बाद उपाध्याय ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
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