औरैया/दिबियापुर, (Vikas Awsthi)। हिन्दी एक समृद्ध भाषा है जिसका मानव सभ्यता को परिमार्जित करने में अहम योगदान है, आईये हिंदी दिवस पर हमारी मातृभाषा, हमारी पहचान, विचारों के आदान-प्रदान के इस सशक्त माध्यम को प्रचारित और प्रसारित करने का संकल्प ले। प्रतिवर्ष 14 सितम्बर का दिन पूरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष भी देश में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम एवं सम्मेलन आयोजित किये गये।औरैया परियोजना में भी मंगलवार को कर्मचारी विकास केंद्र में राजभाषा अनुभाग द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। इससे पूर्व परियोजना में बीते 1 सितम्बर को हिंदी पखवाड़े का शुभारम्भ किया गया था। जिसका समापन हिंदी दिवस के दिन मंगलवार को किया गया।
समारोह में सर्वप्रथम प्रबंधक (मानव संसाधन/प्रभारी राजभाषा) द्वारा हिंदी के महत्व को दर्शाते हुए प्रगति-पथ पर अग्रसर हो रही हिंदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। उपस्थित सभी विभागाध्यक्षों, वरिष्ठ अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने राजभाषा हिंदी से संबंधित इस पावन अवसर पर कविता, गीत एवं अपने विचार प्रस्तुत किये।
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हिंदी को विश्व की भाषा बनाने पर जोर
अनिल कुमार सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (औरैया) ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर हम सबी भारतीय एकजुट हो जायें तो हिंदी को विश्व की प्रथम भाषा बनने से कोई नहीं रोक सकता। साथ ही कहा कि हिंदी के प्रति अभी हमारा दायित्व पूर्ण नहीं हुआ है, हमें हिंदी को और अधिक सशक्त बनाने हेतु अत्यधिक प्रयास करना होगा ताकि राजभाषा हिंदी राष्ट्रभाषा की पदवी पर आसीन हो सके।
हिंदी पखवाड़े के दौरान कर्मचारियों, उनके परिवारजनों के लिए आयोजित स्वरचित हिंदी कविता, हिंदी कहानी, हिंदी नारा एवं हिंदी निबंध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्य महाप्रबंधक (औरैया) द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये।
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