हअंतर्कलह बनी बड़ी वजह, एक सप्ताह में नोटिस का जवाब न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की हिदायत।
ऋषिकेश, (उत्तराखण्ड ब्यूरो )। अपनी ही पार्टी के पार्षदों से अनबन और मंडलाध्यक्ष से समन्वय हीनता ने ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगाई को बैकफुट पर ला दिया है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इस सिरफुटौव्वल को गंभीरता से लेते हुए मेयर अनिता ममगाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हफ्ते भर में जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
निगम गठन और मेयर की ताजपोशी के बाद से ही सुलग रही मतभेदों की आग आखिरकार भड़क गई है। इतना ही नहीं विवादों ने पार्टी गाइडलाइंस को दरकिनार कर मीडिया के भी छाने लगीं।
आखिरकार सब्र का बांध टूटने के बाद प्रदेश भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया और मेयर अनिता ममगाई को अनुशासन का पाठ पढ़ाने की ठान ली है। इसी क्रम में प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने अनिता ममगाई को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
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अंतर्कलह मिडिया में उछलने से पार्टी की क्षवि लो लग रहा धक्का
गंभीर पहलू ये है कि पहली बार किसी मेयर को प्रदेश संगठन ने इतने सख्त लहजे में पत्राचार किया है। माना भी है कि मेयर अनिता ममगाई की ओर से आंतरिक कलह को मीडिया में उछालने से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। इतना ही नहीं संगठन ने अपनी जांच में पाया है कि मेयर भाजपा के मंडलाध्यक्ष से भी समन्वय नहीं रखती हैं। बल्कि आंतरिक मामलों को पार्टी फोरम पर रखने की बजाय मीडिया ट्रायल करती हैं।
हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
प्रदेश संगठन ने मेयर को सुचिता का पाठ पढ़ाते हुए कहा है कि पार्टी में रहते हुए किसी भी घटना को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करना भाजपा की धारा 25 (घ) का उल्लंघन है। साथ ही ऐसा कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसी के तहत प्रदेश भाजपा संगठन ने मेयर को आड़े हाथों लिया है। प्रदेश महामंत्री ने पत्र जारी कर आगाह किया है कि मेयर अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित अधोहस्ताक्षरी को भी भेजें। यदि तय अवधि में मेयर की ओर से जवाब न मिला तो माना जायेगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है। ऐसे में पार्टी संगठन मेयर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
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जानें क्या था मामला
ऋषिकेश। कुछ महीने पहले एक दर्जन से अधिक भाजपा पार्षदों ने संगठन को एक शिकायती पत्र सौंपा था। इसमें आरोप लगाए गए थे कि मेयर पार्टी पार्षदों को नजरअंदाज करती हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी न सुन विपक्षी पार्षदों को तरजीह दी जाती है। पार्टी पार्षदों और मेयर की संवादहीनता यहां तक पहुँच गई कि समाचार पत्रों में सुर्खियां पाने लगे। शिकायती पत्र में कहा गया कि मेयर की अनदेखी के कारण न सिर्फ विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि पार्टी में खेमेबंदी भी सतह पर आ गई है। यहां तक कि ठेकों में भी विपक्षी पार्षद और नेता हाबी हैं।
विवाद ने ऐसी जड़ पकड़ी कि भाजपा मंडल अध्यक्ष भी तमाम प्रयासों के बावजूद स्थानीय संगठन के दरार को भर पाने में विफल हो रहे थे। इस शिकायत का संज्ञान लेने के बाद प्रदेश भाजपा महामंत्री कुलदीप कुमार ने ऋषिकेश का दौरा भी किया और अपने स्तर से विवाद की पड़ताल की। अंततः मेयर के खिलाफ पार्षदों की ओर से की गई शिकायत में तथ्य उजागर हुई। इसी कड़ी में ताजा नोटिस जारी की गई है।