ऋषिकेश, (उत्तराखंड ब्यूरो )। समीप ही बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति, समय करीब साढ़े आठ बजे, घटना स्थल रेलवे रोड स्थित एसबीआई ब्राँच के सामने। यहीं पर एक टैक्सी चालक को पीटने का मामला सामने आया है। घटना को अंजाम देने का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि मेयर के सरकारी सुरक्षा कर्मी और उनके वाहन चालक पर है।
आरोप है कि मेयर अनिता ममगाई के गनर और ड्राइवर ने जमकर कूट दिया। पीड़ित प्रमोद ने इसकी शिकायत ऋषिकेश कोतवाली में की है। पहले तो तहरीर रिसीव करने से ही आनाकानी होती रही। पीड़ित युवक अडिग रहा तो आखिरकार तहरीर रिसीव करने का कोरम पूरा करना पड़ा।
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फिलहाल युवक प्रमोद का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करने वाले खाकीधारी सुरक्षा कर्मी और ड्राइवर राजनीतिक क्षत्रछाया में बेफिक्र हैं। पीड़ित को भी पूरा अहसास है कि स्थानीय स्तर पर न्याय मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
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जानें, क्या था मामला
विस्थापित कालोनी निवासी प्रमोद ने कोतवाली में दी गई तहरीर में बताया कि शुक्रवार की रात करीब 8 बजे वह टैक्सी लेकर हरिद्वार रोड की ओर जा था। इस दौरान रेलवे रोड पर स्टेट बैंक के सामने मेयर अनिता ममगाई की गाड़ी रोड पर खड़ी थी। टैक्सी निकलने के लिए प्रमोद ने हार्न दिया। बस यही बात मेयर के गनर और ड्राइवर को नागवार गुजर गई।
इसके बाद बेतहासा गनर टैक्सी चालक प्रमोद पर झपट पड़ा और गला पकड़ कर प्रमोद को टैक्सी से बाहर खीचने लगा। इस बीच मेयर का ड्राइवर भी तैश में उतर आया और दोनों ने मिलकर टैक्सी चालक प्रमोद को जमकर पीटा। प्रमोद का आरोप है कि मेयर के गनर और चालक ने प्रमोद को न सिर्फ जातिसूचक गालियां दीं बल्कि धमकाया भी कि हम मेयर के साथ हैं कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।
सत्ता के आगे कानून व्यवस्था लाचार
ऋषिकेश। आम नागरिक के मान सम्मान और सुरक्षा का जिम्मा पुलिस पर होता है। यदि पुलिस ही आत्मा और शरीर को कुचलने पर आमादा हो जाये तो न्यायालय का रुख ही शेष रह जाता है। प्रमोद जाटव के साथ भी यही हो रहा है।
प्रमोद को मलाल है कि यदि आम नागरिक भूल से भी कोई गलती कर दे तो पुलिस फौरन गिरफ्तारी पर उतर आती है। वहीं मेयर के गनर और चालक ने उनके साथ मारपीट गाली गलौज और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपमान किया तो कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
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तहरीर देने के बावजूद पुलिस नहीं क्र रही कारवाही
प्रमोद का आरोप है कि तहरीर देने के बावजूद कोतवाली पुलिस कोई कानूनी कदम नहीं उठा रही है। उल्टे समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। कानून सबके लिए समान है तो सत्ता पक्ष के दबाव में पक्षपात क्यों किया जा रहा है। प्रमोद का कहना है कि यदि जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो एसएसपी से फरियाद करूँगा। वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो न्यायालय में गुहार लगाऊंगा।