पानीपत, (आरटी न्यूज़)। किसानो और सरकार के बीच मतभेद का वार्ता से हल निकलना अब असंभव सा लगने लगा है। सरकार किसानों की आवाज़ दबाने के लिए अब सही गलत हर हत्कंडे अपना रही है, वहीँ किसान सरकार के हर ज़ुल्मों का सामना करते हुए अपने अधिकारों के लिए डेट हुए हैं।
हाल ही में बसताड़ा टोल प्लाजा पर कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे पर किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना सामने आयी है। इस झड़प में कई किसान घायल हो गए। इसके बाद करनाल के ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की किसानों के सिर फोड़ने के आदेश देने की वीडियो वायरल होने से मामले ने और तूल पकड़ लिया।
किसानों पर हुई इस बर्बरता से आहत होकर गांव वजीरपुर टिटाना निवासी किसान जोगेंद्र शुक्रवार को हरियाणा में पानीपत के समालखा कस्बा की अनाज मंडी में स्थित 40 फुट उंचे टावर पर चढ़ गया और नीचे कूदने की धमकी देने लगा।
राकेश टिकैत से मोबाइल फोन पर बात करने के बाद टावर से नीचे उतरा किसान
किसान के टावर पर चढ़ कर नीचे कूदने की धमकी से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। जिसके बाद में भाकियू जिलाध्यक्ष सोनू मालपुरिया ने स्तिथि को संभालते हुये जोगेंद्र की किसान नेता राकेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी से मोबाइल फोन पर बात करवाई गयी। तब जाकर किसान टावर से नीचे उतरने पर राजी हुआ। बाद में उसे क्रेन की मदद से टावर से नीचे उतारा गया।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 45 वर्षीय किसान जोगेंद्र शुक्रवार सुबह 10:30 बजे समालखा मंडी स्थित 40 फुट ऊंचे बिजली टावर पर चढ़ गया था। इसकी सोचना पाकर एसडीएम विजेंद्र हुड्डा, डीएसपी संदीप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पहले तो उन्होंने जोगेंद्र को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। जोगेंद्र कोई अप्रिय घटना न कर दे यह सोच कर गांव से जोगेंद्र की मां को घटनास्थल पर लाया गया।
भगत सिंह और चंद्रशेखर भी सन्यासी बन जाते तो आज देश आजाद न होता
मां के आग्रह को भी जोगेंद्र ने नहीं माना और टावर पर चढ़ा रहा। इधर, परिजनों से पता चला कि जोगेंद्र मानसिक रोगी है। इस पर प्रशासन ने क्रेन की मदद से जोगेंद्र को दवाई, पानी व भोजन टावर के उपर ही उपलब्ध करवाया। इधर, टावर से नीचे आने के बाद जोगेंद्र ने कहा कि अगर शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद उस समय आजादी के लिए लडऩे के स्थान पर सन्यासी बन जाते तो आज देश आजाद न होता। अपना हक लेने के लिए किसान सड़कों पर है। सरकार को किसानों की सुनवाई करनी चाहिए। पुलिस की जांच में पता चला कि आंदोलनकारी किसान जोगेंद्र का भाई और बेटी पुलिस में सेवारत है। पुलिस ने किसान को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।