कृषि क्षेत्र में किसानों की आय को दुगुना करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी (IIT Mandi) द्वारा एक शानदार तकनीक का आविष्कार किया है। इसकी मदद से आलू की फसल में लगने वाले रोगों का पता लगाया जाएगा। दरअसल, संस्थान के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) आधारित एक तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के जरिए आलू के पौधों की पत्तियों की तस्वीर की मदद से रोगों का पता लगाया जाएगा।
इस संबंध में आईआईटी, मंडी (IIT Mandi) के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर श्रीकांत श्रीनिवासन के अनुसार, “आलू के पौधे की पत्तियों का कुम्हलाना एक सामान्य रोग है, लेकिन यह रोग अनुकूल दशा में सप्ताहभर में आलू की पूरी फसल को बर्बाद कर सकता है।”
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक?
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित इस तकनीक के तहत आलू के पौधों की पत्तियों की तस्वीर लेकर रोगों का पता लगाया जाएगा। यह रिसर्च केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला के सहयोग से की गई, जिसमें पत्तियों में रोगग्रस्त हिस्से का पता लगाने के लिए Artificial Intelligence का इस्तेमाल किया गया है। यह शोध रिसर्च जर्नल प्लांट फेनोमिक्स में प्रकाशित भी हुआ है। इस रिसर्च को आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कम्प्युटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ श्रीकांत श्रीनिवासन के मार्गदर्शन में सेंट्रल पोटेटो रिसर्च इंस्टिट्यूट (CPRI) शिमला के साथ मिलकर किया गया है।
आलू की फसल में समय रहते चलेगा बीमारी का पता
जानकारी के लिए बता दें कि आलू की फसल में (झुलसा रोग) ब्लाइट नाम का रोग हमला करता है, जिसकी रोकथाम समय रहते न की जाए, तो सप्ताहभर में पूरी फसल खराब हो सकती है।
झुलसा रोग के लक्षण
इससे आलू की फसल को सबसे अधिक नुकसान होता है, क्योंकि इसका प्रकोप बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद नजर आने लगता है। इसमें पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे-छोटे धब्बे उभरने लगते हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, वैसे-वैसे धब्बों के आकार व रंग में भी वृद्धि होती है। इसके प्रकोप से पत्तियां सिकुड़ कर गिरने लगती हैं, तो वहीं तनों पर भूरे व काले धब्बे उभरने लगते हैं और कंदों का आकार भी छोटा रह जाता है।
कैसे चलता है बीमारी का पता
अगर इस रोग की जांच करना है, तो एक्सपर्ट्स या कृषि वैज्ञानिकों को खेतों में जाना पड़ता है। इसके बाद बहुत बारीकी से जांच की जाती है और इस रोग का पता लगाया जाता है।
पत्तों की फोटो से पता चलेगी बीमारी
अब नई तकनीक की मदद से सिर्फ पत्तों की फोटो से पता चल सकेगा कि फसल रोगग्रस्त है या नहीं। इसके बाद किसान कीटनाशकों का इस्तेमाल कर फसल बचा सकते हैं।
मोबाइल ऐप के रूप में विकसित किया जा रहा
जानकारी के लिए बता दें कि इस उपकरण का अधिक व्यावहारिक इस्तेमाल किया जा सके, इसके लिए अनुसंधानकर्ता इसे एक स्मार्टफोन एप्लीकेशन में तब्दील करने पर काम कर रहे हैं।
ऐसे काम करेगा मोबाइल ऐप
इस मोबाइल ऐप द्वारा जब रोगग्रस्त दिखने वाले पत्तों की फोटो ली जाएगी, तब यह ऐप रीयल टाइम में कंफर्म कर देगा कि पत्ता खराब हो रहा है या नहीं। इस तरह किसानों को समय पर पता चल जाएगा कि आलू की फसल खराब हो सकती है। इससे किसान समय रहते रोग की रोकथाम कर सकते हैं। इसके साथ ही फंगस नाशक के लिए पैसों की बचत भी होती है।
आलू में लगने वाले इस रोग की पहचान प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा खेतों का भ्रमण कर की जाती है। खासतौर पर दूर-दराज के इलाकों के लिए यह काफी मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें बागवानी विशेषज्ञ की जरूरत होती है। मगर इस नई खोज से समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके लिए स्मार्टफोन एक उपयोगी उपकरण हो सकता है।
(लेख का इनपुट विभिन्न श्रोतों से लिया गया है )