मुंबई, (राज्य संवाददाता )। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुयी। जिसमे राज्य भर में बारिश और बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए 11,500 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी दी गयी।
बैठक के बाद सीएम ठाकरे ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में विभिन्न प्राकृतिक आपदाएं आई हैं। कोविड-19 के संकट के बावजूद राज्य सरकार ने पीड़ितों को बीच में छोड़े बिना उनकी मदद की है।
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मुख्य बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 11,500 करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी दी गयी।
- महाराष्ट्र राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों के आंसू पोछने का प्रयास कर रही है।
- किसान, व्यापारी, दुकानदार, आम नागरिक, कारीगर सभी पीड़ित हैं।
- इसलिए, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सामान्य से अधिक दर पर मदद करने का निर्णय लिया गया है।
बाढ़ संकट और भूस्खलन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश
- बैठक के दौरान प्रशासन को बाढ़ संकट और भूस्खलन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
- महाड और चिपलून शहरों में बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार कार्य करने के निर्देश।
- वशिष्ठ, गांधारी और सावित्री नदियों से मिट्टी निकालने और तीन साल में बाढ़ सुरक्षा दीवार को पूरा करने का लक्ष्य।
- कोंकण में निर्माणाधीन परियोजनाओं को अगले तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य।
- कोयना टेलरेस वाटर मुंबई लिंक परियोजना के लिए डीपीआर का अध्ययन करने के बाद तीन महीने के भीतर निर्णय करने का आदेश।
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तीन माह में तैयार हो भूस्खलन की रिपोर्ट
भूस्खलन की रोकथाम पर तीन माह के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञों एवं प्रशासकों की समिति गठित करें। उन्होंने कहा कि कोंकण की 26 नदी घाटियों में तीन महीने में बाढ़ चेतावनी आरटीडीएस प्रणाली स्थापित करें।