रिपोर्ट- विकास अवस्थी
औरैया/दिबियापुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह ही ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए नकल अध्याधेश कानून लाये। यही वह समय था जब छात्रों ने मन लगाकर पढ़ना शुरू कर दिया था। यह बात प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री राजपूत लाखन सिंह राजपूत ने अपने ग्रह टाउन में शिक्षक दिवस के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की श्रद्धांजलि सभा बोलते हुए कही।
कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय कल्याण बाबू श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता थे। उन्होंने भगवान राम का मंदिर स्थापित करने के लिए अपनी सरकार तक कुर्बान कर दी थी। ऐसे महान और हिन्दू हृदय सम्राट की श्रद्धांजलि सभा है जिन्होने अपने नैतिक आदर्शों को सबसे ऊपर रखा। लोकप्रिय नेता कल्याण सिंह को हम आज श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित करके सच्ची श्रद्धांजलि देते हैं उनके नैकि मूल्यों और आदर्शों को आगे चलने की सौगंध खाते हैं।
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शिक्षक दिवस के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में दिबियापुर के नारायणी मंडप में लोगों का भारी जनसैलाब दिखाई दिया जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीराम मिश्रा, मंत्री अनुपमा लोधी, दिबियापुर से विधायक व प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत बिधूना विधायक प्रतिनिधि देवेश शाक्य, भाजपा जिला उपाध्यक्ष गिरीश तिवारी, चंद्रकांत मिश्रा व प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के नीरज गौतम, नगर पंचायत चेयरमैन अरविंद पोरवाल, प्रेम गुप्ता, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, राघव मिश्रा समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
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