लखनऊ, (SV Singh Ujagar)। उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग में पैरिटी समझौते को लागू करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश चिकित्सा संघ के प्रतिनिधिमण्डल ने अध्यक्ष डा. राकेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डा.संजीव बालियान से मुलाकात कर मांगपत्र सौंपा।
स्ंघ के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने बताया कि अन्य राज्यों-दिल्ली, हिमांचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणाए पंजाब और उत्तरांचल आदि राज्यों समेत सभी यूनियन टैरिटरी में पशुचिकित्सकों को मेडिकल पैरिटी समझौते के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है। यूपी सरकार के साथ भी 2017 में इस मसौदे पर सहमति बनी थी लेकिन अभी तक प्रदेश में यह व्यवस्था लागू नही हो सकी।
बुधवार को उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ का एक प्रतिनिधि मण्डल ने केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान से भेंट कर विलम्बित मेडिकल पैरिटी के समझौते को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर कर समस्या के निराकरण की मांग की। संघ के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री से कृषि भवन नई दिल्ली में भेंट कर सभी पहलुओं पर अवगत कराया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पशुचिकित्सकों को 1982 तक एनपीए दिया जाता था। निदेशक पशुपालन द्वारा मेडिकल पैरिटी का एक प्रस्ताव वर्ष 2020 में शासन को भेजा था जो अभी तक विलंबित है।
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आंदोलन के मूड में संघ
संघ के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने दो-टूक कहा कि शासन यदि मेडिकल पैरिटी के समझौते के बारे में शीघ्र निर्णय नहीं लेता है संघ को बाध्य होकर सामूहिक धरना एवं क्रमिक अनशन का निर्णय लेना पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल में महामंत्री डॉ संजीव सिंह, उपाध्यक्ष डॉ आशीष सिंह, डॉ विपिन तोमर, डॉ सुबोध पंवार शामिल थे।
2017 में इन बिन्दुओं पर बनी थी सहमति
- पशुधन विभाग में कार्यरत पशु चिकित्साधिकारियों को प्रेक्टिस बन्दी भत्ता (एनपीए) संबन्धी प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद में रखने पर सहमति बनी थी।
- पशु चिकित्साधिकारियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्साधिकारियों के बराबर समान वेतन व सुविधाएं प्रदान करने संबन्धी प्रस्ताव पर सहमति बनी थी।