लखनऊ। योगी सरकार ने उ0प्र0 पशुपालन विभाग के अंतर्गत बुंदेल खण्ड के 7 जनपदों में महिला समृद्धिकरण ब्रायलर पालन योजना की शुरूआत कर दी है। इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को मुर्गी पालन व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
बता दे कि केन्द्र सरकार द्वारा पोषित बुंदेलखण्ड महिला समृ़िद्धकरण ब्रायलर पालन योजना सभी वर्गाें की महिलाओं के लिए है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के केन्द्र सरकार वर्ष 2018्र्र्र्र्र्र्र्र्र-19 में यह योजना लेकर आयी थी, लेकिन कुछ व्यवहारिक दिक्कतों के चलते यह योजना चालू नही हो सकी। इसके बाद आयी कोरोना महामारी के चलते इसमें और बिलम्ब हो गया।
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उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के अधिकारियों की पहल और किये जा रहे लगातर प्रयासों के बाद यह योजना चालू हो चुकी है। मौजूदा वर्ष में इसके पहले फेज का आगाज हो चुका है। पहले फेज के लाभार्थियों को चिक डिस्ट्रीब्यूट किये जा चुके हैं।
योजना में क्या-क्या मिलता है
- मुर्गियों का बाड़ा बनाने के लिए 10 हजार की आर्थिक मदद।
- 50-50 के सेट में तीन बार ब्रायलर चिक।
- मुर्गियों को खिलाने का फीड।
- चिक को बीमारी से बचाने के लिए दवाईयां।
- पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 सप्ताह का प्रशिक्षण।
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ऐसे करें आवेदन
- ग्राम प्रधान या पंचायत सेक्रेटरी अपने गांवो से पोल्ट्री व्यवसाय करने की इच्छुक महिलाओं के आवेदन ब्लॉक स्थिति अस्पतालों में जमा करवाते हैं।
- ब्लॉक में सभी आवश्यक दस्तावेज जमाकराकर उसकी फाइल तैयार की जाती है।
- तैयार फाइलों की लिस्ट जनपद के मुख्य प्रशुचिकित्साधिकारी कार्यालय को प्रेशित कर दी जाती है।
- जनपद स्तर पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, पोल्ट्री प्रोग्राम ऑफीसर तथा सीडीओ की संयुक्त टीम लिस्ट में दिए गये नामों के दस्तावेज व इलेजिबलटी को गहनता से चेक करती है।
- पात्र अभयर्थियों की फाइनल सूची बनाकर सीडीओ कार्यालय को सौंप दी जाती है।
- सीडीओ के फाइनल दस्तखत होने के बाद उस महिला अभयर्थी को उक्त योजना हेतु चुन लिया जाता है।
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कैसे मिलता है पैसा
- चयनित महिला अभ्यर्थी को शेड बनाने के रू.10000 उसके खाते में नगद रूप से प्रदान किए जाते हैं।
- जब कि चूजे, दवा और फीड पशुपालन विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है।
- इस योजना के तहत 1 साल में 1 लाभार्थी को तीन बार 50-50 चूजे, दवा और फीड उपलब्ध कराया जाता है।
- प्रत्येक 2 माह के बाद लाभार्थी महिला अपने बाड़े चिक डाल सकती है।
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