गोरखपुर, (आरटी न्यूज़)। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और बस्ती मंडल के सात जिलों में उफनाई नदियों के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर है और गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर पानी भरने से वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गोरखपुर,कुशीनगर ,बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया, महराजगंज और संतकबीरनगर जिले के गुजरने वाली नदियों का जल स्तर बढ़ने से एक बार फिर राप्ती नदी में 23 वर्ष पहले आई बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की आशंका है।
इस नदी का जल स्तर बढ़ने से चिंता बढ़ गयी है। बाढ़ के कारण गोरखपुर-वाराणसी राज मार्ग पर पानी आने से प्रशासन ने वाहनो का आवागन बंद करा दिया है और इसी तरह गोरखपुर-लखनऊ राजमार्ग के किनारे पानी भरने के कारण बड़े वाहनों के आवागमन को बंद कर दिया। छोटे वाहनों को रूक-रूक कर आने-जाने दिया जा रहा है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमे बुलाने की मांग
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गोरखपुर जिले के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दायरा बढ़ते देखकर जिला प्रशासन ने वाराणसी से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दो-दो यूनिट और मांग की है। इसके साथ ही प्रयागराज की तुलना में किराया व दूरी कम होने से शासन ने अयोध्या से 20 और मोटर बोट मंगायी है। इनका इस्तेमाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में होगा। वर्तमान में राहत सामग्री पहुंचाने का काम भी एनडीआरएफ की टीम कर रही है।
स्थानीय प्रशासन ने गोरखपुर क्लब किया अधिग्रहीत
इस बीच जिला प्रशासन ने स्थानीय गोरखपुर क्लब का अधिग्रहीत कर लिया है वहां राहत वितरण केन्द्र बनाया जायेगा। कोई भी स्वयंसेवी संस्था यदि बाढ पीडितों की मदद के लिए राशन आद उपलब्ध कराना चाहती है तो वह वहां सामग्री दे सकती है।
केन्द्रीय जल आयोग से आज मिली जानकारी के अनुसार राप्ती नदी गोरखपुर में वर्ड घाट में खतरे के निशान से 2.56 मीटर ऊपर बह रही है ।
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कई जिलों में बाढ़ की जद में
गोरखपुर जिले में नदियों के बढते जलस्तर के साथ जिले के कई बांध खतरे की जद में आ गये हैं। कहीं रिसाव हो रहा है तो कहीं बांध दरक गये है ,नतीजन ग्रमीणों में दहशत का आलम है। गोरखपुर से पडोसी देश नेपाल को जोड़ने वाला गोरखपुर-सोनौली राजमार्ग पर स्थित चिउंटहा गांव के पास फोरलेन में एक लेन की तरफ लगभग एक फुट पानी बह रहा है ,जिसपर आएकलावागमन बंद कर दिया गया है। इसके अलावा जिले के चिलुआताल में पानी भरने के कारण कई गांवों के सामने संकट खड़ा हो गया है। राप्ती नदी पर बने बंधों में रिसाव का सिलसिला जारी है। लहसडी और में प्रशासन लोगों को बाढ़ से बचाने का प्रयास कर रहा है।
जिले के 277 गांव बाढ़ से प्रभावित
जिले के 277 गांव बाढ़ से प्रभावित है। इन गांवों में अवागमन बहाल रखने के लिए 389 नावों को लगाया गया है। इसमें 68 नाव अयोध्या से मंगायी गयी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से दो लाख 26 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। इन 277 गांवों की करीब 37 हजार हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई हैं ,जिले के सदर तहसील की सर्वाधिक 60 गांव प्रभावित है जबकि सहजनवा में 37, कैम्पियरगंज में 46, चौरी चौरा में 13, खजनी 29, बांसगांव के 33 गोला तहसील के 59 गांव प्रभावित हैं। इन गांवों में करीब 20 हजार खद्यान किट वितरित किया गया हैं। मेडिकल टीमों द्वारा प्रभावित गावों में उपचार के साथ क्लोरीन की गोली व ओ आर एस का पैकेट दिये जा रहे है।
राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर, 317 गांव बाढ़ से प्रभावित
क्षेत्र के सिद्धार्थनगर जिले में राप्ती नदी खतरे के निशान से उपर है और जिले के 317 गांव बाढ से प्रभावित है। लोग बंधों पर शरण ले रखा है। संतकबीर नगर जिले में रोहिणी और गोर्रा नदी भी खतरे के निशान से उपर बह रही है और पानी का दबाव पांच दिन से बना हुआ है इसलिए बंधों पर खतरा बढ़ता जा रहा है।