अवैध खनन माफियाओं का साथ देने के आरोप में डीएम आनंद कुमार सिंह हटे, अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह सस्पेंड। सांसद अतुल राय पर लगे रेप के आरोप के मामले में दो एडिशनल एसपी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश।
लखनऊ, (विशेष संवाददाता )। अवैध खनन माफियाओं का साथ देने के आरोप में उत्तर प्रदेश शासन ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। एक तरफ अवैध खनन के मामले में बांदा के जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह को हटा दिया गया है तो दूसरी ओर अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
एसटीएफ की रिपोर्ट पर शासन ने डीएम आनंद कुमार सिंह को बांदा से हटाकर एपीसी शाखा में विशेष सचिव बनाया है। आनंद कुमार की जगह आईएएस अनुराग पटेल को बांदा का नया डीएम बनाया गया है। एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में एएसपी की संलिप्तता उजागर हुई है।
डीएम और एसपी पर खनन माफियाओं का साथ देने का आरोप
बांदा के डीएम आनंद कुमार सिंह और एएसपी महेंद्र प्रताप सिंह पर खनन माफियाओं का साथ देने का आरोप लगा है। एसटीएफ की जांच में दोनों की मिलीभगत सामने आई है। एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि एएसपी महेंन्द्र प्रताप चौहान बांदा के थाना क्षेत्र गिरवा, नरैनी में मध्य प्रदेश से खनन होकर आने वाली मौरंग की गाड़ियों को पास करवाने में शामिल थे। फिलहाल शासन ने पीएसी सीतापुर में तैनात लक्ष्मी निवास मिश्र को उनके स्थान पर एएसपी बांदा की तैनाती दी है।
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नए डीएम पर भी लग चुके हैं आरोप
बांदा में तैनात हुए नए डीएम अनुराग पटेल भी विवादों में रह चुके हैं। अनुराग पटेल का नवंबर 2019 में मिर्जापुर से ट्रांसफर हुआ था। उन्हें लखनऊ में विशेष सचिव कृषि उत्पादन नियुक्त किया गया था। मिर्जापुर में अनुराग पटेल लगभग 15 महीनों तक डीएम थे। इनके ही कार्यकाल में मिर्जापुर में जमालपुर के सियुर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में बच्चों का नमक-रोटी खाते हुए का वीडियो सामने आया था। इसके बाद खबर बनाने वाले पत्रकार पर उन्होंने अहरौरा थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया था। मामले में मीडिया में दिए उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी खूब फजीहत हुई थी।रेप आरोपी संजय राय को
रेप आरोपी को संरक्षण देने वाले पुलिस अफसरों पर कसने लगा शिकंजा
बीएसपी सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद अब पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। मामले में वाराणसी के तत्कालीन एसपी सिटी और एडीसीपी काशी जोन रहे विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। वहीं, वाराणसी के तत्कालीन एडीसीपी वरुणा जोन विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है।
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विकास पर अतुल राय और उनके करीबियों के खिलाफ रेप पीड़िता और उसके गवाह द्वारा की गई शिकायतों की जांच की सही से मॉनिटरिंग न करने का आरोप है। वहीं, विनय पर रेप पीड़िता और उसके गवाह के खिलाफ अतुल राय के भाई द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की विवेचना की मॉनिटरिंग सही से न करने का आरोप है।
विकास चंद्र अभी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात हैं, जबकि विनय कुमार वाराणसी में ही एडीसीपी प्रोटोकॉल के पद पर हैं। प्रदेश सरकार के इस रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही कैंट व भेलूपुर सर्किल के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और अन्य उच्चाधिकारी भी कार्रवाई के घेरे में आएंगे।