एस वी सिंह उजागर
लखनऊ। ग्रामीण पशुओं के लिए एंबुलेस सेवा चालू होगी। नवनियुक्त केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने बैठते ही घोषणा कर डाली। सूबे के मुख्यमंत्री को गोवंशियों से विशेष लगाव है, इसी के चलते शासन के आला अधिकारी उन्हे खुश करने के लिए आये दिन नये-नये शासनादेश जारी करते रहते हैं। जो सिर्फ अखबारों की हेडलाइन में सिमट कर रह जाते हैं। बीते वर्षों में गोवंशियों की दशा बद से बदतर हो गयी है।
पत्रकार सत्ता के साथ आर टी न्यूज़ की टीम ने कागजों मेें ए ग्रेड हासिल कई गो संरक्षण केन्द्रों का निरीक्षण किया था जिसकी बदहाल तस्वीरें किसी को भी विचलित कर सकती थीं। बुधवार 21 जुलाई को शासन द्वारा गोवंश की देखभाल के लिए एक और शासनादेश जारी किया गया, जिसमें हर बार की तरह गौ आश्रय केन्द्रों पर भूसा, चारा, दाना, पानी, सेड और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की बाते कहीं गयी। औपचारिक शासनादेश को विभागीय अधिकारियों ने भी औपचारिक तरीके से लिया।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 9 शासकीय विभाग अधिकृत हैं लेकिन सारी जिम्मेदारी पशु पालन विभाग के ऊपर ही आ जाती है। बजट और मानव संसाधन का अभाव निराश्रित गोवंश के संरक्षण और चिकित्सा में सबसे बड़ी बाधा है, जिस पर सरकार को काफी समय से लिखा जा रहा है लेकिन इस पर अभी तक किसी तरह का विचार नही किया गया।
400 पशु चिकित्सक और 4000 कर्मचारियों के पद खाली
जिस प्रदेश 1 पशु चिकित्सक के हिस्से 20 से 24 चिकित्सा केंद्र होंगे वहां चिकित्सा का क्या हाल होगा सोचा जा सकता है। पशुपालन विभाग में तकरीबन 400 से ज्यादा पशु चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे हैं जब कि 4000 कर्मचारियों के पदों पर रिक्तता के चलते निराश्रित गोवंशियों की चिकित्सा बाधित हो रही है।
सरकार नहीं सुन रही तो अकेले चिकित्सक क्या करें -डा.राकेश
उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डा.राकेश कुमार का कहना है कि संघ ने शासन से लेकर सरकार तक को कई बार पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आ रहीं बाधाओं को शासन व सरकार के समक्ष रखा, लेकिन उसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका।
डा. राकेश कुमार ने माना कि विभाग में चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी के चलते पशुओं को उचित चिकित्सा देने में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के डॉक्टर पूरी कोशिश करते हैं कि अपनी तरफ से बेहतर कर सकें लेकिन एक चिकित्सक, चिकित्सा के अलावा, बीमा, मेडिकल, पोस्टमार्टम, टैगिंग आदि की अनेकों जिम्मेदारी निभा रहा है।
श्रावस्ती में 48 गोवंशों के मौत का समाचार गलत-
उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी की चिंता गोवंशों के प्रति जायज है लेकिन श्रावस्ती के गिलौला ब्लॉक के पिपरी गांव में 48 गोवंशों की मौत का समाचार गलत और निराधार है। उन्होने कहा कि किसी ने यह खबर जानबूझ कर फैलाई है। संघ के प्रतिनिधियों ने इस प्रकरण की जांच की जिसमें गोवंशों की संख्या पूरी पायी गयी है।