रिपोर्ट-एस.वी.सिंह उजागर। भारत सरकार अब किसानों की तरह पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दे रही है। योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 लाख पशुपालकों को किसान क्रेडिट देने का शासनादेश बीते नम्बर 2021 में ही जारी किया जा चुका है।
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हम आपको बता दें कि उ.प्र. में पशुपालन, मत्स्य पालन और डेरी फेडरेशन से जुड़े 15 लाख पशुपालक किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जाना है। शासनादेश के अनुसार 15 नम्वर से 15 फरवरी तक विशेष अभियान चलाकर यह क्रेडिट कार्ड बनाये जाने थे लेकिन बीच में चुनाव आर्चाय संहिता लग जाने की वजह से अभियान बीच में ही रूक गया। जिसे पुनः शुरू किया गया है।
जाने किसको मिला कितना लक्ष्य
- शाषनादेश के अनुसार दुग्ध घटकों को 4 लाख केसीसी जारी करने का लक्ष्य दिया गया है।
- मत्स्य घटक हेतु 2 लाख का टारगेट निर्धारित हुआ है
- पशुपालन घटकों के लिए 9 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य निर्धारित है
ये हो सकते हैं लाभार्थी
- योजना के अनुसार जो लोग गाय, भैंस या बकरी पालन करते हैं।
- जो लोग बत्तख या कुक्कुट व्यसाय से जुड़े हैं।
- डेरी फार्मिंग का कार्य करने वाले किसान और पशुपालक
- ऐसे लोग जो दूध व्यवसाय कर रहे हैं और अब वह दूध घटक के प्रोडक्ट्स बनाना चाहते हैं।
- वह किसान जो मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े हैं तथा इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं।
- अन्य पशुओं का पालन और उसका व्यवसाय करने वाले लोग भी इस योजना के लाभार्थी हो सकते हैं।
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कैसे और कहां करे अप्लाई
उ.प्र. पशुपालन विभाग के उपनिदेशक नियोजन और प्रदेश में योजना के नोडल डॉ. वी.के.सिंह ने बताया कि दिए गये शासना देश के अंतर्गत जो भी पात्र व्यक्ति हैं वह आपने निकटतम पशुचिकित्सालय से योजना में अप्लाई करने हेतु फार्म ले सकते हैं तथा उसे भरकर वहीं अस्पताल में तैनात पशुचिकित्साधिकारी के पास जमा कर सकते हैं।
यह फार्म सभी जनपदों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय पर भी जमा किये जा सकते हैं।
1 लाख 60 हजार तक के केसीसी पर कोई गारंटी नही लगेगी
योजना के नोडल डॉ. वी.के.सिंह के अनुसार 1 लाख 60 हजार तक के क्रेडिट कार्ड पर किसी तरह की जमानत, या दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं हैं। इससे ऊपर जाने पर किसान बही या अन्य प्रपत्रों की आवश्यकता होगी।
असुविधा होने पर यहां करें शिकायत
पशुपालकों किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में यदि किसी प्रकार की असुविधा हो रही है तो वह निम्न में से किसी के पास भी जा सकता है।
1. सबसे पहले उसे अपने क्षेत्र के पशुचिकित्साधिकारी से संपर्क करना चाहिए।
2. सुनवाई न होने पर वह विकास भवन में स्थित मुख्य पशुचिकित्साधिकारी से भी संपर्क कर सकता है।
3. विभाग ने एक टोलफ्री हैल्पलाइन भी जारी किया है वह 18001805744 पर भी अपनी समस्या बता सकता है।
4. इसके अलावा वह इस योजना के नोडल डॉ. वी.के.सिंह के मो. नम्बर-9415175733 पर कॉल करके भी अपनी समस्या बता सकता है।
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पशुपालकों को भी होना होगा जागरूक
प्रदेश में योजना के नोडल अधिकारी डॉ.वी.के.सिंह के अनुसार यह योजना पशुपालकों के लिए बहुत उपयोगी है। विभाग इसे उन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पशुपालकों को भी इसमें जागरूकता लानी होगी।
यदि कोई योजना उनके फायदे के लिए है तो उन्हे आगे बढ़कर इसे समझना और इसका लाभ उठाना चाहिए। आज कल टीवी, रेडियो और शोषल मीडिया का जमाना है, विभाग द्वारा हर प्लेटफार्म पर इसके प्रचार प्रसार को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।
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