Published by Neha Bajpai
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षतिग्रस्त बंधों को तत्काल ठीक करा लिये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी बाढ़ चौकियों एवं कंट्रोल रूम को हाई अलर्ट पर रखा जाए। पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने शनिवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आज बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर एवं बाराबंकी में राज्यमंत्री जलशक्ति बलदेव औलख एवं अपर मुख्य सचिव, सिंचाई के साथ बाढ़ राहत कार्य, स्वास्थ्य, बचाव दल की उपलब्धता तथा बाढ़ के संबंध में समस्त तैयारियों के बारे में जिलाधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की तथा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त बंधो को तत्काल ठीक करा लिये जाने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों एवं कंट्रोल रूम को हाई अलर्ट पर रखा जाए। क्षतिग्रस्त नावों का प्रयोग ना किया जाए तथा राहत सामग्री का वितरण उपयुक्त लाभार्थियों को प्रदान किया जाए। श्री राजभर ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ राहत कार्यों हेतु निर्देश दिये गये हैं कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में विषैले सर्प कीटों का प्रकोप काफी संख्या में रहता है जिनके काटने से काफी जनहानि व पशुहानि होती है। बाढ़ राहत शरणालयों के आस-पास की झाड़ी की सफाई की जाय और रात्रि में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
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जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिये शरणालय न बनाया जाय और ऐसे स्कूल व भवनों में कक्षाओं का संचालन न किया जाय। जलभराव वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले विद्युत तारों खम्भों को दुरूस्त रखा जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि विद्युत करन्ट के द्वारा कोई जनहानि, पशुहानि, मकान क्षति न होने पाए। उन्होंने कहा कि बाराबंकी में तटबंध में 24 घंटे बांधों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। जनप्रतिनिधियों से समन्वय बैठाते हुए उन्हें लगातार प्रभावित गांवों एवं तटबंध की यथा स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। श्री राजभर ने बताया कि लखीमपुर खीरी में कटान/संवेदनशील स्थल चिन्हित करना एवं 24 घंटे पेट्रोलिंग करना व निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं। बाढ़ का पानी कम होने पर फसलों के नुकसान का आंकलन करना एवं प्रभावित किसानों के मध्य राहत धनराशि का वितरण किया जाय। नावों का सत्यापन कर लिया जाए। नावों में क्षमता से अधिक लोग न बैठें। बाढ़/कटान से कैसे बचा जाए और उसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए, उसके अगले 45 दिन की कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।
खबर श्रोत सिंधु टाइम्स
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