लखनऊ, (आरटी न्यूज़ )। गन्ना (Sugarcane) पर्यवेक्षक (Supervisor) अपने सर्किल में किसानों से मिलकर online घोषणा पत्र भरने में मदद करेंगे। यही नही किसान अब घोषणा पत्र में हुई किसी भी गलती को ऑन लाइन ही संशोधित भी कर सकते हैं, विभागीय वेबसाइट में में इस सुविधा को जोड़ दिया गया है।
यूपी सरकार (UP government ) ने गन्ना किसानों की मदद के लिए ईआरपी वेबसाइट पर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने की सुविधा शुरू कर दी है। इसमें किसानों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए गन्ना विकास विभाग में पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की गई है। ये पर्यवेक्षक अपने सर्किल में किसानों से मिलकर ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने में मदद करेंगे।
ज्ञात हो कि ऑनलाइन घोषणा पत्र भरने में किसनों को परेशानी आ रही थी जिसकी लगातार इसकी शिकायत आ रही थी। किसानों को आगे से कोई दिक्कत ना हो, इसे देखते हुए ही गन्ना विभाग में पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं जो किसानों तक जाएंगे और उनकी मदद करेंगे।
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पोर्टल (portal) पर संशोधन का विकल्प मौजूद
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने पेराई सत्र 2021-21 में घोषणा पत्र में संशोधन करने की सुविधा को भी पोर्टल (portal) पर जोड़ दिया है। अब किसान ईआरपी की वेबसाइट ीजजचरू//मदुनपतल.बंदमनच.पद/ पर जाकर अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं।
समिति स्तर पर लगाये जायेंगे जागरूकता कैंप- संजय आर भूसरेड्डी
अपर मुख्य सचिव व गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसान, दस्तावेज अपलोड करने के बाद उसमें संशोधन भी कर सकते हैं, अगर उन्हें कुछ गलती समझ आती है। इसके बाद भी सबमिट करने के ऑप्शन दिए गए हैं।
चीनी आयुक्त के अनुसार गन्ना पर्यवक्षेक अपने सर्किल में गन्ना किसानों को घोषणा पत्र भरवाने में हस तरह से मदद करेंगे। ग्रामस्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन के दौरान किसानों को ये सुविधा मिलेगी। इसके बाद भी अगर कोई किसान छूट जाता है तो समिति स्तर पर कैंप (Awareness camps) लगाकर उनके घोषणा पत्र भरवा जाएंगे, ये काम भी पर्यवेक्षक करेंगे।
गन्ना पर्ची के लिए आईटी केंद्र स्थापित
किसानों कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए समितियों में आईटी केंद्र की भी स्थापना की होगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन केंद्रों पर इंटरनेट और बिजली की व्यवस्था को बेहतर किया गया है कि ताकि किसानों को पर्ची के लिए किसी भी तरह की दिक्कत ना आए।
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सरकारी सूत्रों के अनुसार राज्य की सभी 45 गन्ना सहकारी समितियों में आईटी केंद्र स्थापित होगा। इससे चीनी मिलों को गन्ना बेचने वाले 4.5 करोड़ किसानों को बड़ी राहत मिलेगी
बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। प्रदेश में सालाना लगभग 179 मिलियन टन यानी देश का 44.75 फीसदी गन्ना उत्पादित होता है। गन्ने की खेती ये लगभग 48 लाख किसान जुड़े हुए हैं। देश के कुल उत्पादित चीनी में उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे ज्यादा हैै।