Published by Neha Bajpai
गाजियाबाद, (विशेष संवादाता)। उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग की टीम ने जल निगम की गाजियाबाद इकाई में तैनात अधिशासी अभियंता को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। टीम ने मौके से 13 लाख रुपए नकद भी बरामद किए हैं।
सिल्ट निस्तारण के ठेके के नाम पर 25 लाख को रिश्वत की मांग की
आरोप है कि जल संपूर्ति इकाई के अभियंता विक्रम सिंह ने एक ठेकेदार से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक की सफाई कर सिल्ट निस्तारण के ठेके के नाम पर 25 लाख को रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार सतीश कुमार की शिकायत के आधार पर विजिलेंस विभाग की निरीक्षक मंजू लता कुशवाहा ने टीम के साथ छापा मारा।
निरीक्षक मंजू लता कुशवाहा ने बताया कि सतीश कुमार को दिल्ली को आपूर्ति होने वाले 270 क्यूसेक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक की सफाई कर सिल्ट को निस्तारण के दो ठेके करीब दो माह पूर्व 3.60 करोड़ रुपये में आवंटित हुए थे। इसके बदले ही विक्रम सिंह 25 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। लेकिन दो माह चली बातचीत के बाद 21 लाख रुपये तय हो गये।
ठेकेदार सतीश कुमार ने पांच अप्रैल को विजिलैंस में शिकायत दर्ज करवाई
इस मामले में ठेकेदार सतीश कुमार ने पांच अप्रैल को विजिलैंस में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद गुरुवार को रिश्वत की रकम में से पहली किस्त के रूप में 13 लाख रुपये देना तय हुआ। पूर्व की योजना के अनुसार जैसे ही जल निगम के गाजियाबाद राजनगर सेक्टर एक स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में स्थित अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह को सतीश कुमार ने 13 लाख रुपये दिये, वैसे ही विजिलैंस की टीम मौके पर पहुंची और विक्रम सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
विक्रम सिंह की गिरफ्तारी के बाद विजिलैंस की टीम विक्रम सिंह को लेकर कविनगर थाने पहुंची और हवालात में बंद कर दिया। विजिलैंस की टीम में करीब दस अधिकारी शामिल थे।
टीम का नेतृत्व सीओ सुधीर कुमार बिलवान ने किया
टीम का नेतृत्व सीओ सुधीर कुमार बिलवान कर रहे थे। टीम में निरीक्षक मंजू लता कुशवाहा, अशोक सिसौदिया, रेणुका सिंह, संजय कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। विजिलैंस की टीम विक्रम सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करवा रही है। फिलहाल विजिलेंस की टीम गाजियाबाद के थाना कविनगर पर जमा है जहां कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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