Published by RT News
जौनपुर। जनपद के जेल में शुक्रवार दोपहर शुरू हुआ कैदियों का उत्पात लगातार जारी रहने से स्थिति बेकाबू हो रही है। जेल के अंदर आगजनी और आंसू गैस के गोले लगातार छोड़े जाने के बाद भी उत्पात पांच घंटे से ज्यादा समय तक जारी रहने से पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालात बेकाबू होते देख वाराणसी से कमिश्नर दीपक अग्रवाल और आईजी रेंज एसके भगत भी जौनपुर पहुंचे। जिला जेल की स्थिति पहले ड्रोन कैमरे से देखी फिर बॉडी आर्म और हेलमेट पहनकर जेल के भीतर दाखिल हो गए।
जिला जेल में कैदी की मौत के बाद बंदियों का फूटा गुस्सा
ड्रोन कैमरे से बंदियों पर नजर रखी जा रही है। कैमरे में दिखाई दे रहा है कि पूरा जेल कैदियों के कब्जे में है। जेल परिसर में हर तरफ सरिया, डंडे और ईंट पत्थर के साथ बंदियों का जमावड़ा दिखाई दे रहा है। एक तरफ सिलेंडर में आग लगाते भी बंदी दिखाई दे रहे हैं। पहचान छिपाने के लिए ज्यादातर ने अपने चेहरे पर मास्क और गमछा आदि लगा रखा है। कैदी की मौत पर फूटा गुस्सा बताया जा रहा है कि आजीवन कारावास पाए कैदी बागेश मिश्र उर्फ सरपंच की शुक्रवार को दोपहर मौत हो गई।
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मृतक के भाई ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। मौत की खबर लगने पर आक्रोशित बंदियों ने जेल में हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी। एक बंदीरक्षक की बुरी तरह पिटाई कर दी। उसका पैर तोड़ दिया गया है। जेल अस्पताल और कई बैरकों में आग लगा दी। स्थिति पर काबू पाने को जेल प्रशासन ने भारी पुलिस व पीएसी फोर्स बुला ली। गेट बंद कर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। ड्रोन कैमरे से बंदियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।
पांच जनवरी को आजीवन कैद की सजा मिली थी
रामपुर थाना क्षेत्र के बनीडीह गांव निवासी 42 वर्षीय बागेश मिश्र को जिला अदालत ने गत पांच जनवरी को हत्या व अनुसूचित जाति उत्पीड़न निवारण एक्ट में दोहरा आजीवन से दंडित किया था। तभी से वह जिला जेल में निरुद्ध था। उसे काफी समय से मधुमेह के साथ ही श्वांस संबंधी बीमारी थी। गुरुवार को हालत खराब होने पर उसका जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे सीने में दर्द सांस फूलने पर हालत नाजुक देखते हुए जेल प्रशासन ने स्वजन को सूचना देने के साथ ही जिला चिकित्सालय पहुंचाया। वहां डाक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। स्वजन जिला अस्पताल पहुंच गए।
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