संस्कार डेस्क। इंसान को तलाशो, जाति-धर्म नहीं। इंसानी बिरादरी को जगाने के लिए आदि योग (गुरु जी) की ‘देश हमारा, धरती अपनी’ अभियान के 12वें दिन की यात्रा के प्रचार प्रसार में बरखा रानी भले ही बाधा बनी रहीं हो लेकिन लोगों के मुरझाये हुए चेहरों पर चोबीस घंटे की बरसात ने मुस्कान बिखेर दी।
यात्रा के प्रमुख आयोजक अदि योग (गुरु जी) ने कहा कि निराश और उदास हो रहे किसानों को बड़ी राहत मिली। धान की फसल के सूख जाने की नौबत आ गयी थी कि परसों 14 सितंबर से शुरू हुई झमाझम बारिश ने किसान के चेहरे पर इत्मीनान लिख दिया। क़ुदरत की यह मेहरबानी आज भी जारी रही।
♠ यह भी पढ़ें- किताबें फुटपाथ पर जूते शो रूम में….. पढ़ें- दया शंकर चौधरी की लघु कहानी
नतीज़तन, ‘देश हमारा, धरती अपनी’ अभियान के 12वें दिन की सद्भाव यात्रा के तहत गतिविधियां आज दूसरे दिन भी स्थगित रहीं। वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी है कि मौसम का यह मिजाज़ कल भी बना रहेगा।
♠ यह भी पढ़ें- पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मियों का भारी बारिश के बीच धरना रहा जारी
इस रूकावट के बीच कुछेक राहगीरों से यात्रा के उद्देश्य को लेकर संवादऔर परचा वितरण हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक मसीहुद्दीन संजरी और उम्रदाराज़ आंदोलनकारी शाह आलम शेरवानी ने अभियान का फोलोअप किये जाने का सुझाव दिया।