Published by RT News
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में चुनावी प्रक्रिया पर हमेशा ही सवाल खड़े होते रहें हैं। चुनाव जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराएं जा रहे हों तो विपक्ष उसमें सवाल खड़ा करता ही है। वहीं, चुनाव आयोग ने एक बार फिर साफ कहा है कि एवीएम और द्वारा कराए गए चुनावों में गड़बड़ियां नहीं हो सकती हैं। चार राज्यों के हुए विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपैट) के बीच का डेटा सौ फीसद एकदम सटीक है।
डेटा ईवीएम और वीवीपैट के बीच 100 प्रतिशत मिलान दिखाता है: चुनाव आयोग
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि डेटा ईवीएम और वीवीपैट के बीच 100 प्रतिशत मिलान दिखाता है, जो इसकी सटीकता और प्रामाणिकता साबित करता है। इन पिछले विधानसभा चुनावों में इन दो मशीनों का परिणाम पहले की तरह इसकी वास्तविकता की पुष्टि करता है। चार राज्यों केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और एक केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी में इस साल की शुरुआत में चुनाव हुए थे। पश्चिम बंगाल में 1,492 वीवीपैट, तमिलनाडु में 1,183, केरल में 728, असम में 647 और पुडुचेरी में 156 वीवीपैट लगाए गए थे। ता दें कि वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची यह बता देती है कि आपका वोट किस उम्मीदवार को गया है। अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट
ने फैसला सुनाया था कि चुनाव आयोग के लिए 2019 के आम चुनाव में प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में पांच ईवीएम में वीवीपैट पर्चियों की भौतिक गणना करना अनिवार्य है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम की गिनती के साथ वीवीपैट पर्चियों को मिलान करने का आग्रह किया था। उसी पर चुनाव आयोग ने कहा कि दोनों की
सत्यता सौ फीसद एकदम सटीक है।
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