औरैया, (क्षेत्रीय संवाददाता )। धान की फसल को कीटों से बचाने के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से जनपद के किसानों के लिए कइ्र्र्र तरह के सुझावों एवं कीटप्रबंधन के तरीकों की संस्तुतियां की गईं हैं।
जिला कृषिरक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी गाईडलाईन के अनुसार धान की फसल में लगने वाले सामयिक कीट रोग से बचाव हेतु निम्न सुझाव एवं संस्तुतियों को अपनाने की सलाह दी गयी है।
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- धान फसल में होने वाले कीट जिसमें जड़सुड़ी, पत्ती लपेटक, तनाभेदक आदि कीटों के बचाव हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत 50 मिली मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
- झोका रोग, शीत ब्लास्ट रोग, जीवाणु पत्ती झुलसा के नियंत्रण हेतु कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 50 प्रतिशत की 1.0 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ अथवा हेक्सागोनल 4 प्रतिशत की 400 मिली प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
- खेला रोग के नियंत्रण हेतु 5 किलो ग्राम जिंक सल्फेट को 20 किलोग्राम यूरिया अथवा 2.50 किलोग्राम बुझे हुए चूने को प्रति हेक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।
ज्यादा जानकारी के लिए जिला कृषि कार्यालय में करें संपर्क
इसके अलावा और अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि रक्षा अधिकारी औरैया एवं अपने विकासखंड की कृषि रक्षा इकाई पर संपर्क किसानों को संपर्क करने की सलाह दी गयी है।