नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ माह पहले मन की बात में कुसुम योजना (Kusum Scheme) का जिक्र किया था। यह एक ऐसी योजना है, जिसकी मदद से किसान अपनी भूमि पर सौर उर्जा उपकरण और पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकते हैं।
इस के साथ ही किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का इस्तेमाल कर खेती आसानी से कर सकते हैं। इसी संबंध में झारखंड के किसानों के लिए एक बड़ी खशुखबरी है कि अब उन्हें सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) लगाने के लिए नाबार्ड और केनरा बैंक से लोन मिल सकेगा। बता दें कि राज्य में इसके पहले चरण के तहत 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए अभी तक राज्य के 65 किसानों ने आवेदन किया है।
80 मेगावाट सौर ऊर्जा का होगा उत्पादन
जानकारी के लिए बता दें कि इन आवेदन के आधार पर झारखंड बिजली वितरण निगम (जेवीबीएनएल) द्वारा बताया गया है कि अब तक निगम के पास लगभग 400 एकड़ भूमि पर फार्म लगाने के लिए आवेदन आ चुके हैं। इतनी भूमि पर कम से कम 80 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। बता दें कि संस्थान द्वारा किसानों से बिजली खरीदने के लिए 25 साल तक का करार किया जाएगा।
बिजली खरीदने के लिए होगा पावर परचेज एग्रीमेंट
निगम बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट करेगा, जो कि बैंक के लिए गारंटी का काम करेगा। इस तरह बैंकों द्वारा किसानों को सोलर प्लांट लगाने के लिए दी गई राशि सुरक्षित रहेगी। इसके साथ ही एनपीए का खतरा भी नहीं रहेगा।
किसानों के लिए सुविधा
किसान भाईयों के लिए अच्छी बात यह है कि कंपनी बिजली के एवज में जो राशि का भुगतान करेगी, उससे किसान भाई अपने लोन की किस्त चुका सकते हैं।
किसानों के पास अब भी है समय
अगर कोई किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो अभी भी जेवीबीएनएल में आवेदन कर सकता है। हालांकि, कंपनी की तरफ से सोलर प्लांट लगाने के लिए कुछ नियम और शर्तें तय की गई हैं।
सोलर प्लांट लगाने के लिए नियम व शर्तें
- इस यजोना के तहत अधिकतम 2 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्लांट लगवाना होगा।
- व्यक्ति भूमि लीज पर लेकर भी सोलर पावर फार्मिंग कर सकते है
क्या है कुसुम योजना ?
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 के आम बजट के दौरान कुसुम योजना या किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान की घोषणा की थी। अक्सर राज्य के किसानों को सिंचाई करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कभी असमान्य बारिश से फसल को नुकसान होता है, इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए कुसुम योजना संचालित की गई है। इस योजना के जरिए किसान खेती से अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं।